
सतना में एक पक्षी प्रेमी की जान तोते में बसने जैसा मामला सामने आया है. बिट्टू नाम के तोते के बीमार होने पर उसके पालक चंद्रभान कश्यप काफी परेशान थे. बिट्टू के गले में गठान थी और उसने बोलना बंद कर दिया था. ऐसे में परेशान तोता पालक बिटनरी हॉस्पिटल पहुंचा. डॉक्टरों से गुहार लगाई. डॉक्टरों ने भी चुनौती स्वीकार कर 800 ग्राम के बेटू नाम के तोते की गर्दन का सफल ऑपरेशन कर 98 ग्राम का ट्यूमर निकला.
तकरीबन एक घंटे चली सर्जरी के बाद निकाले गए ट्यूमर को डॉक्टरों ने जांच के लिए रीवा भेज दिया है. ऑपरेशन के बाद तोता बिट्टू अब सेहतमंद बताया जा रहा है. सतना पशु चिकित्सालय के डॉ. बृहस्पति भारती और डॉ. बालेंद्र सिंह की टीम इस ऑपरेशन को अंजाम दिया है. अपनी तरह का इलाके में यह पहला और मुश्किल ऑपरेशन होने से चर्चा का विषय बना हुआ है.
दरअसल, सतना के मुख्तियारगंज में रहने वाले चंद्रभान विश्वकर्मा बीस साल पहले एक तोते पाला था. पूरा परिवार तोते से बेहद करता है और उसे बेटू नाम से बुलाता है. तोता बिट्टू की गर्दन के पीछे करीब 6 महीने पहले एक गांठ निकल आई थी. गांठ धीरे-धीरे बढ़ते हुए ट्यूमर बन गई और गर्दन के पीछे होते हुए दाहिनी आंख के नीचे तक बढ़ गई.
ट्यूमर होने से तोता बीमार हो गया, वह ठीक से खाना पीना नहीं कर पा रहा था और बोल भी नहीं पा रहा था, घरवालों के लिए बिट्टू महज तोता नहीं, बल्कि घर का ही सदस्य था. तोते की बीमारी से घर में तनाव बढ़ गया. हालत देखकर चंद्रभान तोते को पशु चिकित्सालय ले गए, जहां डाक्टरों ने 2 घंटे के जटिल ऑपरेशन के बाद 98 ग्राम के ट्यूमर को निकाल दिया. अब तोता सेहतमंद बताया जा रहा है. फिलहाल उसे अभी डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया गया है. वहीं, बिट्टू के स्वस्थ होने पर अब चंद्रभान के घर में खुशियां लौट आई हैं.