
मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में आज से शराबबंदी लागू हो गई है. राज्य सरकार की नई आबकारी नीति के तहत प्रदेश के 19 धार्मिक स्थानों पर शराब की बिक्री पर रोक लगाई गई है, जिसमें उज्जैन भी शामिल है. मंगलवार को उज्जैन नगर निगम क्षेत्र में एक भी शराब दुकान या बार नहीं खुला. इससे स्थानीय लोगों, खासकर शराब दुकानों के आसपास रहने वालों ने राहत की सांस ली और मुख्यमंत्री मोहन यादव व राज्य सरकार को धन्यवाद दिया.
नागरिकों का कहना है कि शराब दुकानों के कारण उनके मकानों की कीमतें कम हो गई थीं. रिश्तेदार उनके घर आने से कतराते थे और दुकानों के बाहर शराब पीने वालों की वजह से आए दिन विवाद होते थे.
एक स्थानीय निवासी ने कहा, "अब इन समस्याओं से मुक्ति मिल गई है. सरकार का यह बेहतरीन कदम है. हम इसके लिए महाकाल भगवान को प्रसाद चढ़ाएंगे." नीति के तहत उज्जैन में 17 शराब दुकानें और 11 बार बंद कर दिए गए हैं.
काल भैरव मंदिर के लिए विशेष नियम
उज्जैन के कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया, "नगर निगम सीमा में सभी शराब दुकानें 1 अप्रैल से बंद कर दी गई हैं. काल भैरव मंदिर के पास स्थित दो शराब काउंटर भी बंद कर दिए गए हैं. हालांकि, श्रद्धालु भगवान भैरव को शराब प्रसाद के रूप में चढ़ा सकेंगे.
इसके लिए कोई काउंटर नहीं होगा और शराब की बिक्री प्रतिबंधित रहेगी. मंदिर समिति प्रसाद की व्यवस्था करेगी. वहीं, अगर कोई श्रद्धालु एक क्वार्टर शराब प्रसाद के तौर पर चढ़ाना चाहता है, तो इसमें कोई रोक नहीं है. लेकिन इसकी आड़ में ब्लैक मार्केटिंग या दुरुपयोग पाया गया तो सख्त कार्रवाई होगी."
कलेक्टर ने यह भी बताया कि नगर निगम क्षेत्र के होटलों और बारों के शराब लाइसेंस सरेंडर कर लिए गए हैं. अब वहां भी शराब बिक्री नहीं होगी.
पता हो कि काल भैरव मंदिर में वर्षों से भगवान को शराब का भोग लगाने की परंपरा रही है. इसके लिए मंदिर के बाहर शराब काउंटर संचालित होता था, जो हर ब्रांड की देशी-विदेशी शराब उपलब्ध कराता था. अब इसे पूरी तरह बंद कर दिया गया है. शहरवासियों ने शराबबंदी को धार्मिक नगरी की पवित्रता बनाए रखने की दिशा में सरकार का ऐतिहासिक कदम बताया है.