
HARDA BLAST EXCLUSIVE REPORT: मध्य प्रदेश के हरदा में फैक्ट्री में धमाका हुआ तो 11 लोगों की जान चली गई और करीब 200 लोग घायल हो गए. aajtak ने फैक्ट्री मालिक आरोपी राजेश अग्रवाल और सोमेश अग्रवाल की एक और फैक्ट्री को ढूंढ निकाला जो घटना वाली फैक्ट्री से करीब 2 किलोमीटर दूर है.
aajtak की तफ्तीश में खुलासा हुआ कि सोमेश अग्रवाल की इस फैक्ट्री की क्षमता 1500 किलो बारूद स्टॉक करने की है. जब 600 किलो के स्टॉक में हुए धमाके ने 11 लोगों की जान ले ली, तो अगर यहां हादसा होता तो कितना नुकसान होगा, इसका अंदाज़ा लगाना मुश्किल नहीं है.
यहां पर काम करने वाले मजदूर भाग गए हैं. जल्दबाज़ी में उनका सामान भी छूट गया है लेकिन कई एकड़ में अभी भी बारूद और बम फैले हुए हैं.
आजतक की टीम पाया कि आग लगने की सूरत में यहां बचाव के भी इंतज़ाम नहीं है और यहां काम करने वाले मौत के मुहाने पर बैठकर काम करते हैं. फैक्ट्री के अंदर बारूद तो खुले में रखा ही है लेकिन बम बनाने का सामान भी बिखरा पड़ा है.
हादसे वाली फैक्ट्री में लाइसेंस का झोल
उधर, आजतक के खुलासे पर प्रशासन की मुहर लगा दी है. नर्मदापुरम संभागयुक्त पवन शर्मा ने बताया कि पटाखा फैक्ट्री के 2 लाइसेंस निलंबित थे. फैक्ट्री संचालक के पास 4 लाइसेंस थे, जिनमें से दो लाइसेंस 1 महीने के लिए निलंबित किए गए थे. 300 किलो के L-5 लाइसेंस वैध थे. 15 किलो के L-2 के दो लाइसेंस अब भी निलंबित थे.
वहीं, जिस जमीन पर पटाखा फैक्ट्री चलाई जा रही थी, उसमें से आधा क्षेत्र कृषि और आधे पर व्यापार की इजाजत थी. फैक्ट्री के बेसमेंट को लेकर संभागायुक्त ने कहा कि स्टॉक को रखने के लिए छोटा सा हिस्सा बनाया गया था. उस हिस्से में पानी और मुर्रम भरा मिला है.
कमिश्नर पवन शर्मा ने ने बताया कि हादसे में 11 लोगों की मौत हुई है और एक शव की पहचान नहीं हुई है. वहीं, 32 टैंकर और 12 पोकलेन मशीनों की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया था. फिलहाल ग्राउंड जीरो पर रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो गया है.
पता हो कि मध्यप्रदेश के हरदा शहर में मंगलवार को एक पटाखा कारखाने में विस्फोट के बाद आग लग गई. हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई जबकि 174 अन्य लोग घायल हुए हैं.