
Guna Bus Accident: 27 दिसंबर को भीषण सड़क हादसे में 13 यात्रियों की मौत हो गई थी. जिस बस में हादसा हुआ था, उसका फिटनेस और परमिट खत्म हो चुका था. पुलिस ने बीजेपी नेता की ट्रैवल एजेंसी पर कार्रवाई करते हुए और भी 10 बसें जब्त की हैं.
सिकरवार ट्रैवल्स की यात्री बसों के खिलाफ कार्रवाई की गई तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ. ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग द्वारा जो 10 बसें जब्त की गई उनका परमिट और फिटनेस भी रिन्यू नहीं कराया गया. सिकरवार ट्रेवल्स की ज्यादातर बसें बिना परमिट बिना फिटनेस के संचालित हो रही थीं.
पुलिसकर्मियों ने सिकरवार बस सर्विस पर छापेमारी की है. इस दौरान पुलिसकर्मी खुद ही बसों को चलाकर ले गए. बस मालिक भानुप्रताप सिंह सिकरवार के खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है.
ट्रैफिक डीएसपी मनोज वर्मा ने बताया की बस हादसे के बाद सिकरवार ट्रैवल्स की 10 बसें जब्त की गई हैं. बसों की फिटनेस परमिट एक्सपायर हो चुके हैं. गुना जिले में 190 यात्री बसों की चैकिंग की गई है. चालानी कार्रवाई भी की गई है.
सिकरवार ट्रेवल्स नाम की जिस यात्री बस से हादसा हुआ, उसका इतिहास भी विवादित रहा है. साल 2020 में इसी बस ने घटनास्थल से 1 किमी पहले भी एक्सीडेंट किया था. बस सड़क किनारे बने एक मकान में घुस गई थी. जिससे मकान मालिक को 40-50 हजार रुपए का नुकसान हो गया था. मकान मालिक जितेंद्र शर्मा को काफी नुकसान झेलना पड़ा था. लेकिन बस मालिक द्वारा घटना के बाद पीड़ित पक्ष को कोई भी मुआवजा नहीं दिया गया.
बता दें कि गुना जिले में बीते बुधवार रात बस और डंपर की टक्कर में 13 लोगों की जलकर मौत हो गई और 14 अन्य घायल हो गए.
बस दुर्घटना में 13 लोगों की मौत को गंभीरता से लेते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने निर्देश दिए और शासन ने राज्य परिवहन आयुक्त संजय कुमार झा, जिला कलेक्टर तरुण राठी और पुलिस अधीक्षक विजय खत्री के तबादले के कर दिए.
प्रमुख सचिव सुखबीर सिंह से परिवहन विभाग का प्रभार लेकर अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) राजेश राजौरा को दे दिया गया. यही नहीं, लापरवाही के आरोप में गुना के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी रवि बरेलिया और मुख्य नगर अधिकारी वी डी कतरोलिया को सस्पेंड कर दिया.
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद जिला कलेक्टर ने घटना की जांच करने के लिए अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट मुकेश कुमार शर्मा की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति का गठन किया है. समिति को विभिन्न मुद्दों पर तीन दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया.