
मध्य प्रदेश में पुलिस पर हमले की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं. मऊगंज में हुई सनसनीखेज वारदात के बाद अब दमोह जिले में भी एक हिस्ट्रीशीटर ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया. सर्च ऑपरेशन के दौरान हिस्ट्रीशीटर कासिम कसाई ने फायरिंग कर दी, जिसमें सहायक पुलिस निरीक्षक (ASI) आनंद अहिरवार घायल हो गए. जबकि हिंडोरिया थाना प्रभारी धर्मेंद्र गुर्जर बाल बाल बच गए. पुलिस की जवाबी कार्रवाई में कासिम भी पैर में गोली लगने से घायल हो गया.
एसपी श्रुत कीर्ति सोमवंशी ने बताया कि यह घटना गुरुवार सुबह करीब 7 बजे मराहर गांव में हुई. कासिम कसाई के खिलाफ गोकशी, लूट, डकैती, हत्या के प्रयास और अवैध हथियारों की तस्करी जैसे 23 आपराधिक मामले दर्ज हैं. आरोपी को पुलिस ने बुधवार रात नागपुर से गिरफ्तार किया था और उसे दमोह लाकर पूछताछ की जा रही थी. पुलिस टीमें उसके अलग-अलग ठिकानों पर छिपाए गए हथियार और अन्य सामान बरामद करने में जुटी थीं.
इसी सिलसिले में एक टीम कासिम को लेकर मराहर गांव पहुंची. वहां सर्च ऑपरेशन के दौरान कासिम ने मौका पाकर झाड़ियों में छिपाई गई एक रिवॉल्वर निकाली और पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी. एक गोली एएसआई आनंद अहिरवार (45) के बाएं हाथ में लगी, जबकि दूसरी गोली थाना प्रभारी के बाजू को छूते हुए निकल गई. हमले के बाद कासिम अंधेरे का फायदा उठाकर भागने की कोशिश करने लगा, लेकिन पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में उसके पैर में गोली मार दी, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
एसपी ने बताया कि घायल एएसआई आनंद अहिरवार को तुरंत जबलपुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है. वहीं, कासिम कसाई को सागर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
एसपी सोमवंशी ने बताया कि कासिम लंबे समय से फरार था और हाल ही में 7 मार्च को दमोह के सीताबाबली इलाके में गोकशी के एक मामले में उसकी संलिप्तता सामने आई थी.
कासिम कसाई का आपराधिक इतिहास
कासिम कसाई दमोह का कुख्यात अपराधी है, जिसके खिलाफ कोतवाली और देहात थाना क्षेत्र में कई मामले दर्ज हैं. गोकशी, विस्फोटक अधिनियम, लूट, डकैती और हत्या के प्रयास जैसे संगीन अपराधों में उसकी संलिप्तता रही है.
एसपी ने कहा कि कासिम समाज के लिए बेहद खतरनाक है और उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इस घटना के बाद उस पर पुलिस पर हमले का एक और मामला दर्ज किया गया है.
मऊगंज की घटना से तुलना
यह घटना मऊगंज में हाल ही में हुई उस वारदात की याद दिलाती है, जहां एक उग्र भीड़ ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया था, जिसमें एक एएसआई रामचरण गौतम की मौत हो गई थी और कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे. दमोह की इस घटना ने एक बार फिर मध्य प्रदेश में पुलिसकर्मियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं.