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मध्य प्रदेश के मुरैना में IAF के सुखोई-30 और मिराज-2000 फाइटर जेट क्रैश, 1 पायलट की मौत

रक्षा मंत्री ने एयरफोर्स चीफ से इस हादसे को लेकर बातचीत की है. विमानों में तीन पायलट सवार थे. विमान का मलबा मुरैना और राजस्थान के भरतपुर में मिला है. इससे पहले तक कयास लगाए जा रहे थे कि भरतपुर में भी एक हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ है, हालांकि बाद में पुष्टि हुई कि भरतपुर में इन्हीं दो लड़ाकू विमानों का मलबा गिरा है. वहां कोई अलग एयरक्राफ्ट या हेलिकॉप्टर क्रैश नहीं हुआ है.

दोनों विमानों ने ग्वालियर एयरबेस से उड़ान भरी थी दोनों विमानों ने ग्वालियर एयरबेस से उड़ान भरी थी
मंजीत नेगी/श्वेता सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 28 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 1:47 PM IST

मध्य प्रदेश के मुरैना में शनिवार सुबह बड़ा हादसा हो गया. जिसमें एयरफोर्स के दो लड़ाकू विमान सुखोई-30 और मिराज 2000 दुर्घटनाग्रस्त हो गए. सूचना मिलते ही मौके पर राहत बचाव दल पहुंचा और आगे की कार्रवाई में जुट गया. इस हादसे में एक पायलट की मौत हो गई. रक्षा सूत्रों के मुताबिक दोनों विमानों ने मध्य प्रदेश के ग्वालियर एयरबेस से उड़ान भरी थी, जहां अभ्यास चल रहा था. रक्षा मंत्री ने एयरफोर्स चीफ से इस हादसे को लेकर बातचीत की है. विमानों में तीन पायलट सवार थे. विमान का मलबा मुरैना और राजस्थान के भरतपुर में मिला है. इससे पहले तक कयास लगाए जा रहे थे कि भरतपुर में भी एक हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ है, हालांकि बाद में पुष्टि हुई कि भरतपुर में इन्हीं दो लड़ाकू विमानों का मलबा गिरा है. वहां कोई अलग एयरक्राफ्ट या हेलिकॉप्टर क्रैश नहीं हुआ है.

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आजतक से बातचीत में मुरैना के कलेक्टर ने जानकारी देते हुए बताया कि जेट विमान सुबह साढ़े पांच बजे दुर्घटनाग्रस्त हुए थे. दोनों पायलट सुरक्षित बाहर निकल गए. हादसे के बाद वायुसेना ने मामले की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी बैठा दी है. जो यह देखेगी कि क्या दोनों विमान आपस में टक्कर से दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं या फिर किसी और कारण से. जानकारी के मुताबिक दुर्घटना के दौरान सुखोई 30 में 2 पायलट थे जबकि मिराज 2000 में एक पायलट था. दो पायलट सुरक्षित हैं, जबकि एक की मौत हो गई.

 

बता दें कि मिराज 2000 (Mirage 2000) फाइटर जेट्स को उड़ाने के लिए सिर्फ एक पायलट की जरूरत होती है. इस जेट की लंबाई 47.1 फीट होती है. विंगस्पैन 29.11 फीट होती है. ऊंचाई 17.1 फीट होती है. हथियारों और ईंधन के साथ इसका वजन 13,800 किलोग्राम हो जाता है. वैसे यह 7500 किलोग्राम वजन का है. 26 फरवरी 2019 को 12 मिराज 2000 फाइटर जेट्स ने ही पाकिस्तान के बालाकोट में घुसकर जैश-ए-मोहम्मद की आतंकी ट्रेनिंग कैंप को ध्वस्त किया था.

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वहीं सुखोई 30 की बात करें तो इसकी लंबाई 72 फीट है. विंगस्पैन 48.3 फीट है. ऊंचाई 20.10 फीट है. इसका वजन 18,400 KG है. इसमें लीयुल्का एल-31एफपी आफ्टरबर्निंग टर्बोफैन इंजन लगे हैं, जो उसे 123 किलोन्यूटन की ताकत देता है. इस इंजन और अपनी एयरोडायनेमिक बनावट की बदौलत फाइटर जेट 2120 किमी प्रतिघंटा की स्पीड से उड़ता है. इसकी रेंज भी 3000 किलोमीटर है. बीच रास्ते में ईंधन मिल जाए तो यह 8000 किलोमीटर तक जा सकता है. यह करीब 57 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है.

प्लेन क्रेश पर CM शिवराज ने किया ट्वीट

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हादसे पर ट्वीट किया. जिसमें उन्होंने लिखा, "मुरैना के कोलारस के पास वायुसेना के सुखोई-30 और मिराज-2000 विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर अत्यंत दुखद है. मैंने स्थानीय प्रशासन को त्वरित बचाव एवं राहत कार्य में वायुसेना के सहयोग के निर्देश दिए हैं. विमानों के पायलट के सुरक्षित होने की ईश्वर से कामना करता हूं."

 

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