
MP News: शाजापुर जिला मुख्यालय से जिले में ही या अन्य जिले में शव ले जाने के लिए मृतक के स्वजनों का खासी परेशानी उठानी पड़ती है. इसे देखते हुए पूर्वमंत्री और कांग्रेस विधायक हुकुमसिंह कराड़ा ने स्वास्थ्य विभाग को एक शव वाहन कुछ माह पहले दिया था. लेकिन अब तक इस वाहन का संचालन स्वास्थ्य विभाग या जिला प्रशासन ने प्रारंभ नहीं किया है. अब लाखों रुपये कीमत का वाहन कई महीनों से एक ही स्थान पर खड़ा धूल खा रहा है.
वाहन का उपयोग न होने और शव ले जाने में लोगों को होने वाली परेशानी को देख विधायक कराड़ा खासे नाराज हैं. उनका कहना है कि अगर वाहन पर लिखे उनके नाम से प्रशासन को समस्या है तो नाम मिटा दिया जाए. किंतु वाहन का उपयोग तो प्रारंभ किया जाए. जिससे शोक में डूबे लोगों को अपनों के शव ले जाने के लिए परेशानी न उठाना पड़े.
कांग्रेस विधायक हुकुम सिंह कराड़ा ने कहा कि जून माह में भारतीय सेना के जवान का शव जम्मू-कश्मीर ले जाने के लिए भी शव वाहन स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन उपलब्ध नहीं करा पाया था. उस समय भी विधायक निधि से दिया गया यह वाहन जिला अस्पताल परिसर में ही खड़ा हुआ था. मुझे इस बात की जानकारी लगी तो काफी दुख हुआ. मन में आया कि देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले सैनिक के पार्थिव शरीर को तक हम सम्मान के साथ उसके निवास तक नहीं पहुंचा सकते.
उल्लेखनीय है कि 23 जून को सुंदरसी थाना क्षेत्र में जम्मू-कश्मीर क्षेत्र निवासी भारतीय सेना के जवान का शव कालीसिंध नदी के किनारे मिला था. पोस्टमार्टम के बाद शव को जम्मू-कश्मीर ले जाने के लिए सेना की टीम और स्वजन खासे परेशान हुए थे. काफी प्रयास के बाद भी जिला प्रशासन या स्वास्थ्य विभाग वाहन उपलब्ध नहीं करा सका. तब जाकर निजी वाहन से शव गृह गांव ले जाया गया था.
एंबुलेंस का भी नहीं हो रहा उपयोग
पूर्वमंत्री कराड़ा का कहना है, विधायक निधि से स्वास्थ्य विभाग को एंबुलेंस वाहन भी दिए गए हैं. लेकिन इन वाहनों का लाभ भी मरीजों को नहीं मिल रहा है. इन एंबुलेंस में डॉक्टर बैठकर घूमते हैं. इस बात की जानकारी मैंने कलेक्टर को भी दी. बावजूद सुधार नहीं हुआ और एंबलेंस का सही ढंग से उपयोग नहीं हो रहा है. देखें Video:-
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि अगर मेरे द्वारा दिए गए वाहनों को उपयोग जिला प्रशासन या स्वास्थ्य विभाग आमजन के हित में नहीं कर सकता, तो इन्हें निजी हाथों में सौंप देना चाहिए. जिससे कम से कम किसी को तो इसका लाभ मिले.
वहीं, इस मामले में जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) बीएस मीणा का कहना है कि समय-समय शव वाहन का उपयोग करते हैं. वाहन अस्पताल परिसर में भी खड़ा होता है. CMHO का बयान:-