
मध्य प्रदेश पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां MBBS की पढ़ाई हिन्दी में होगी. आज रविवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भोपाल में इसकी 3 किताबों का विमोचन किया. गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल में हिन्दी वॉररूम "मंदार" में हिंदा का पाठ्यक्रम तैयार किया गया है. एमबीबीएस फर्स्ट ईयर की तीन पुस्तकें एनाटॉमी, फिजियोलॉजी और बायो केमिस्ट्री बनकर तैयार हैं, जिनका आज विमोचन किया गया. यहां अमित शाह ने कहा कि मध्यप्रदेश ने सबसे पहले हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई शुरू कर मोदी जी की इच्छा की पूर्ति की है. नई शिक्षा नीति का सबसे अच्छा अनुसरण मध्यप्रदेश सरकार ने ही किया है.
किताब विमोचन के लिए आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि देशभर में 8 भाषाओं में पढ़ाई हो रही है. यूजी नीट देश की 22 भाषाओं में हो रही है. 10 राज्य इंजीनियरिंग की पढ़ाई मातृभाषा में करवा रहे हैं. वहीं उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, "JEE, NEET व UGC की परीक्षाओं को भी भारतीय भाषाओं में आयोजित किया जा रहा है. इंजीनियरिंग भी अब तमिल, तेलुगू, मलयालम, गुजराती, मराठी, बंगाली अनुवाद कर पढ़ाई जा रही है.
अपने अगले ट्वीट में गृहमंत्री ने लिखा, "मध्य प्रदेश सरकार ने NEP-2020 के अनुरूप मेडिकल का पाठ्यक्रम हिंदी में कर मेडिकल शिक्षा में प्रवेश लेने वाले 75% हिंदी भाषी बच्चों को अपनी मातृभाषा में पढ़ाई करने का अवसर दिया है. मैं सभी मेडिकल कॉलेज के शिक्षकों को धन्यवाद देता हूं, जिनके अथक प्रयत्न से यह कार्य पूर्ण हो पाया."
एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में करने के लिए की गईं ये तैयारियां:
-मेडिकल का पाठ्यक्रम हिन्दी में तैयार करने हेतु कार्य योजना तैयार कर उच्च स्तरीय समिति (टास्क फोर्स) का गठन किया गया.
-सिलेबस बनाने में मेडिकल छात्रों और अनुभवी डॉक्टरों के सुझाव शामिल किए गए.
-EDI जारी कर MBBS के विषयों के ऑथर/पब्लिशर को शॉर्टलिस्ट किया गया.
-पुस्तकों के हिन्दी रूपांतरण का कार्य शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय के संबंधित विषयों के प्राध्यापक तथा सह प्राध्यापकों द्वारा किया गया.
-छात्रों, शिक्षकों एवं समाज में हिन्दी में चिकित्सा शिक्षा/ MBBS पाठ्यक्रम के संबंध में सकारात्मक वातावरण बनाये जाने क्रियान्वयन एवं मॉनिटरिंग हेतु संस्थान स्तर पर समिति बनायी गई.