
MP News: मशहूर पुरातत्वविद के. के. मुहम्मद ने भोपाल में एक कार्यक्रम के दौरान कुतुब मीनार के पास बनी ‘कुव्वत उल इस्लाम मस्जिद’ को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि इसका निर्माण मंदिरों को तोड़कर किया गया है. आजतक से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए के. के. मोहम्मद ने कम्युनिस्ट इतिहासकारों पर गलत इतिहास परोसने का आरोप भी लगाया है.
के. के. मोहम्मद ने कहा, ‘मैं काफी समय से बोल रहा हूं कि कुव्वत उल इस्लाम जो है, वह मंदिरों को तोड़ कर ही बनाई गई है. उसमें अगर आप जाएंगे तो बहुत सारी मूर्तियां उसमें आज भी मिलेंगी. उसमें गणेशजी और विष्णुजी और भी बहुत सारी मूर्तियां है. कुव्वत उल इस्लाम से पहले वहां शुद्ध रूप से हिंदू और जैन स्ट्रक्चर था. 27 मंदिरों को तोड़कर इसका निर्माण किया गया. मंदिरों को तोड़ने का काम 1192 में, जब हमला हुआ था तभी से शुरू हो गया था. जब पृथ्वीराज चौहान को मोहम्मद गौरी ने हराया था.'
हालांकि, जो कुतुब मीनार है वो पूरी तरह से इस्लामिक स्ट्रक्चर है. कुतुब मीनार जैसा स्ट्रक्चर इन्होंने काजासिया पोश, सियापोस, काजा में बनाया था.
के. के. मोहम्मद ने इस दौरान कम्युनिस्ट इतिहासकारों पर गलत इतिहास परोसने का आरोप लगाते हुए कहा, 'दरअसल, जो कम्युनिस्टों का इंटरप्रिटेशन है, वो काफी डैमेजिंग रहा है. उन लोगों ने बाबरी-अयोध्या के मामले में जो रोल प्ले किया है. अगर वह नहीं होते तो और गलत रोल प्ले नहीं किए होते तो यह मुद्दा बहुत पहले सुलझ चुका होता. इन्होंने बहुत गलत रोल प्ले किया है, जिसकी वजह से हम सालों तक इसे सुलझा नहीं पाए थे'.
खरगोन और अन्य जगहों में हुई हिंसा के बारे में के. के. मोहम्मद ने कहा, 'कम्युनिस्ट बुरी तरह एक्सपोज हो चुके हैं. उन लोगों ने हिन्दू-मुसलमानों में अलगाव पैदा किया. बाद में ऐसा लगा सब कुछ सही होगा. फिर उन्होंने उसे बिगाड़कर अलग तरीके से चला दिया, यह सब उसका ही दुष्परिणाम है'.