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जिस कलेक्ट्रेट में रहीं डिप्टी कलेक्टर, अब वहीं अपना इस्तीफा मंजूर कराने धरना; निशा बांगरे ने तेज की सरकार के खिलाफ लड़ाई

MP News: निशा बांगरे ने ज्ञापन राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम पर दिया और सरकार से इस्तीफा मंजूर करने का आग्रह किया. साथ ही चेतावनी दी अगर तीन दिन में इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ तो आंदोलन के साथ आमरण अनशन करेंगी.

निशा बांगरे (फाइल फोटो) निशा बांगरे (फाइल फोटो)
राजेश भाटिया
  • बैतूल ,
  • 25 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 6:38 PM IST

मध्य प्रदेश के बैतूल की आमला विधानसभा से चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुकीं डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे की सरकार के खिलाफ लड़ाई तेज हो गई है. सोमवार को अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ महिला अधिकारी ने बैतूल में पैदल मार्च कर इस्तीफा मंजूर कराने के लिए ज्ञापन सौंपा.

बैतूल कलेक्ट्रेट परिसर में जमीन पर बैठकर डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने अपने समर्थकों के साथ प्रदर्शन किया. इस दौरान उनके समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की. निशा बांगरे ने ज्ञापन राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम पर दिया और सरकार से इस्तीफा मंजूर करने का आग्रह किया. साथ ही चेतावनी दी अगर तीन दिन में इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ तो आंदोलन के साथ आमरण अनशन करेंगी.

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जिस बैतूल कलेक्ट्रेट में एक समय निशा बांगरे डिप्टी कलेक्टर थीं, उसी कलेक्ट्रेट में आज उन्होंने अपने पति और बच्चे के साथ धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान उनके साथ कई सामाजिक संगठनों के सदस्य भी मौजूद थे. 

निशा बांगरे का कहना है कि इसी कलेक्ट्रेट में नौकरी के दौरान महिलाओं, गरीबों और आदिवासियों को न्याय दिलाया. कई बार ऐसा मौका आया कि गरीब महिलाओं को उनकी मजदूरी नहीं मिलती थी तो उनके साथ जमीन पर बैठकर उन्हें न्याय दिलाया. आज खुद न्याय पाने के लिए विरोध प्रदर्शन करने की स्थिति पैदा हो रही है.

सरकार मुझे चुनाव लड़ने से रोक रही: निशा बांगरे

निशा बांगरे का आरोप है, जब नौकरी में रहकर हम किसी को न्याय नहीं दिला पाते हैं, तो मैंने तय किया कि लोगों को न्याय दिलाने के लिए चुनाव लडूंगी, लेकिन सरकार मुझे चुनाव लड़ने से रोक रही है. सरकार मेरे संवैधानिक अधिकारों से रोक रही है. एक तरफ महिलाओं को आरक्षण दिया जा रहा है, दूसरी तरफ एससी वर्ग की पढ़ी लिखी महिला को न्याय नहीं मिल रहा है. मैंने चुनाव लड़ने का मन बना लिया है.

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मानसिक प्रताड़ना देने का आरोप 

इस्तीफा देने वाली महिला अधिकारी का कहना है, ''मुझे बैक डेट में नोटिस देकर प्रताड़ित किया जा रहा है. जब मैं अपने धार्मिक अधिकारों की रक्षा नहीं कर सकी तो मैं अपने पद से इस्तीफा दे दिया. विभागीय जांच के नाम पर मानसिक प्रताड़ना दी जा रही है. हम कोर्ट में चले गए तो मध्य प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी कोर्ट को भी गुमराह कर रहे हैं. मैंने अपना निर्णय ले लिया है कि मैं विधानसभा चुनाव लडूंगी. इस्तीफा मंजूर न करके मुझे चुनाव में जाने से रोका जा रहा है.

इस संबंध में अपर कलेक्टर जय प्रकाश सैयाम का कहना है कि ज्ञापन ले लिया गया है. उसे पढ़कर ऊपर भेजा जाएगा. निर्णय सरकार को लेना है.

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