
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में बुधवार को भोपाल के BRTS को हटाने के संबंध में फैसला लिया गया. कॉरिडोर हटाने का कार्य संत हिरदाराम नगर (बैरागढ़) से 20 जनवरी को आरंभ किया जाएगा. अगले तीन माह में सिलसिलेवार रूप से शहर के सभी भागों से बीआरटीएस कॉरिडोर हटा दिए जाएंगे.
सीएम यादव ने कहा कि बीआरटीएस कॉरिडोर यातायात में सुगमता और जन सुविधा के लिए हटाए जा रहे हैं. कॉरिडोर हटाने का कार्य रात में किया जाए और पुलिस से समन्वय करते हुए कॉरिडोर हटाने की संपूर्ण अवधि में शहर में सुगम और सुरक्षित यातायात व्यवस्था सुनिश्चित की जाएं.
मुख्यमंत्री डॉ. यादव भोपाल के बीआरटीएस कॉरिडोर को हटाने के संबंध में मंत्रालय में बैठक ले रहे थे. उन्होंने कहा कि बीआरटीएस कॉरिडोर में सामान्य यातायात आरंभ करने के लिए भी ट्रैफिक पुलिस के साथ आवश्यक समन्वय कर कार्ययोजना बनाई जाए. विभिन्न क्षेत्रों में ट्रैफिक के अधिक दबाव के समय व्यवस्थित और सुरक्षित रूप से इन कॉरिडोर का उपयोग तत्काल आरंभ किया जाए. कॉरिडोर हटाते समय प्रयास यह हो कि सर्विस लेन आदि का उपयोग करते हुए ट्रेफिक का संचालन बनाए रखा जाए.
BRTS कॉरिडोर हटने के बाद 6 लेन की सुविधा उपलब्ध होगी
उल्लेखनीय है कि बीआरटीएस कॉरिडोर के मिसरोद से एम्प्री तक 6.4 किलोमीटर, रोशनपुरा से कमला पार्क तक 1.42 किलोमीटर, कलेक्ट्रेट कार्यालय से लालघाटी तक 1.73 किमी और हलालपुर से सीहोर नाका (बैरागढ़) तक 3.81 किलोमीटर तक 4 भाग हैं. हलालपुर से सीहोर नाका (बैरागढ़) तक बीआरटीएस कॉरिडोर हटाने की कार्रवाई लोक निर्माण विभाग द्वारा की जाएगी. शेष तीन भागों में नगर निगम भोपाल कॉरिडोर हटाएगा. कॉरिडोर हटने के बाद आवागमन के लिए 6 लेन की सुविधा उपलब्ध होगी. पूर्व में भी जनप्रतिनिधियों की बैठक में भोपाल के बीआरटीएस कॉरिडोर को हटाने पर सहमति बनी थी.