
भोपाल पुलिस ने बिहार के एक ऐसे अंतर्राज्यीय गैंग को बेनकाब किया है, जो फर्जी आधार, पैन कार्ड, बैंक खाता और सिम बनाकर पूरे देश में ठगों को सप्लाई करता था. पुलिस ने इनके कॉल सेंटर पर दबिश देकर गिरोह के सरगना समेत 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
भोपाल पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्रा ने आजतक से बात करते हुए बताया कि हनुमानगंज पुलिस को सूचना मिली थी कि एक युवक और युवती मोबाइल की दुकान पर आकर अलग-अलग आधार कार्ड से कई सारे सिम लेकर गए हैं. सूचना मिलने पर पुलिस मोबाइल शॉप पर गई तो पाया कि सिम लेने वाले युवक और युवती की फोटो तो एक ही है, लेकिन हर बार नाम और पता अलग-अलग है. इस आधार पर पुलिस को संदेह हुआ कि इन सिम का इ्स्तेमाल कहीं धोखाधड़ी में तो नहीं किया जा रहा.
पुलिस ने इस आधार पर बीएनएस की धारा- 319(3), 318(4), 338, 336(3), 340 (2) के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू की. इसके बाद थाना स्तर पर टीम गठित कर पुराने शहर के इब्राहिमगंज में एक फ्लैट पर रेड मारी गई तो वहां 6 युवक और एक युवती मिले. जिन्होंने पूछताछ में अपना नाम शशिकांत कुमार उर्फ मनीष, सपना उर्फ साधना, अंकित कुमार साहू उर्फ सुनील, कौशल माली उर्फ पंकज, रोशन कुमार, रंजन कुमार उर्फ विनोद और मोहम्मद टीटू उर्फ विजय बताया.
फ्लैट में रेड के दौरान इनके कब्जे से बड़ी मात्रा में फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड, सिमकार्ड, बैंक पासबुक, मोबाइल फोन, लेपटॉप, प्रिंटर और कॉपी जब्त की गई. इसके साथ ही सभी 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. इस गिरोह का एक आरोपी संजय फिलहाल फरार है.
पुलिस कमिश्नर के मुताबिक आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि आरोपी शशिकांत देवघर (झारखंड) से आधार कार्ड का डाटा लेता था. इसके बाद आरोपी इन आधार कार्ड को चैक करता था कि किस आधार का पैन कार्ड बना है और किसका नहीं. जिनका पैन कार्ड नहीं बना होता है, उसका पैन कार्ड को यह ऑफलाइन एप्लाय कर देता था.
इसके बाद मुख्य आरोपी शशिकांत गिरोह के अन्य सदस्यों सपना, अंकित, कौशल माली, रोशन, रंजन और मोहम्मद टीटू की उम्र के आधार पर उन आधार और पैन कार्ड में उनकी फोटो, फोटोशॉप के जरिए लगा देता था. इसके बाद कलर प्रिंटर से फर्जी तरीके से तैयार किए गए आधार और पैन कार्ड को प्रिंट कर लेता था. फर्जी रूप से तैयार किए गए आधार और पैन कार्ड पर अपने साथियों के फोटो लगाकर भोपाल शहर में अलग-अलग दुकानों से सिमकार्ड लेते थे और फिर बैंकों में जाकर फर्जी बैंक खाता खुलवाते थे.
शशिकांत गिरोह के सभी लोगों को खाता खुलवाने के प्रति खाता 2 हज़ार रुपये देता था. इसके बाद इन्हीं फर्जी बैंक खातों को शशिकांत अन्य ठगों को 10 हजार रुपए रुपये प्रति खाता के हिसाब से बेचता था. इतना ही नहीं, आरोपी शशिकांत खुद भी इन खातों को उपयोग अपनी गैंग के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर आम लोगों को लोन दिलाने के नाम पर या गेमिंग के जरिए साइबर ठगी करता था. कमिश्नर के मुताबिक आरोपियों ने कबूल किया है कि उन्होंने अबतक लखनऊ, इंदौर, हैदराबाद में इस प्रकार से फर्जी बैंक खाते खुलवाकर कई घटनाओं को अंजाम दिया है. गिरोह का सरगना बिहार के नालंदा जिले का है, जबकि बाकी सभी आरोपी पटना और जहानाबाद जिले के रहने वाले हैं.