
अगले साल होने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों लेकर कांग्रेस और बीजेपी ने अपनी-अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं. वहीं इस चुनाव में तीसरी और चौथी पार्टी का भी उदय होते दिखाई दे रहा है. जहां आम आदमी पार्टी बीजेपी के वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश कर रही है तो वहीं कांग्रेस को सबसे बड़ा खतरा एआईएमआईएम से है. दरअसल, मध्य प्रदेश के नगरीय निकाय चुनाव में मिली बढ़त से एआईएमआईएम काफी खुश है और अब उसकी नजरें विधानसभा चुनाव पर टिक गई हैं. इसको लेकर वह मध्यप्रदेश में सदस्यता अभियान चला रही है. यह अभियान मुस्लिम बहुल इलाकों में चलाया जा रहा है.
दरअसल, अपने सदस्यता अभियान और नगरीय निकाय चुनाव से बढ़ती ताकत के दम पर एआईएमआईएम नेताओं का हौंसला इतना बुलंद हो गया है कि अब वह मध्य प्रदेश में कांग्रेस को कुछ नहीं समझ रहे हैं. उनका कहना है कि मध्य प्रदेश में एआईएमआईएम के बिना किसी की सरकार नहीं बन सकती है. वहीं कांग्रेस का जनाधार गिर चुका है और अब एआईएमआईएम का सीधा मुकाबला बीजेपी से है.
उन्होंने यह भी कहा कि देश की दो ही चीज मशहूर है. एक हैदराबाद के ओवैसी बंधु और दूसरी हैदराबाद की बिरयानी. अब मध्य प्रदेश में बीजेपी को एआईएमआईएम ही टक्कर देगी. कांग्रेस धरातल पर जा चुकी है क्योंकि अगर कांग्रेस को वोट देते हैं तो कांग्रेस के नेता बीजेपी में चले जाते हैं. जहां इस मामले में कांग्रेस का कहना है कि केंद्र में और मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार है और विपक्ष के नेताओं को विभिन्न एजेंसियों से परेशान किया जा रहा है. वहीं ऐसे में ओवैसी की पार्टी बिरयानी पार्टी मना रही है.
गौरतलब है कि हाल ही में मध्य प्रदेश में हुए नगरीय निकाय चुनाव में एआईएमआईएम ने 7 पार्षद सीटें हासिल की थीं. जिसके बाद से पार्टी का सदस्यता अभियान लगातार जारी है और वह मुस्लिम बहुल इलाकों में सदस्यता अभियान चला रही है. इस दौरान उनके नए कार्यकर्ताओं की दावत भी हो रही है. जिसमें बिरयानी भी परोसी जा रही है और यह बात खुद उनकी पार्टी के ही नेता ने स्वीकार कर रहे हैं.