
दिल्ली की तर्ज पर अब मध्य प्रदेश में भी नवरात्रि के दौरान 9 दिनों तक मांस की दुकानें बंद करने की मांग ने जोर पकड़ लिया है. भोपाल से बीजेपी विधायक और हिंदूवादी नेता रामेश्वर शर्मा ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए नवरात्रि में मांस दुकानों को बंद करना चाहिए.
भोपाल की हुजूर सीट से विधायक शर्मा ने कहा, "कांग्रेस, सपा, बसपा गंगा-जमुनी तहजीब की बात करते हैं और कहते हैं कि सभी को हर धर्म का सम्मान करना चाहिए. अगर सच में एकता चाहिए, तो हिंदुओं के त्योहारों के महत्व को भी समझना होगा."
बीजेपी विधायक ने आगे कहा, ''गंगा-जमुनी तहजीब सिर्फ हिन्दुओं पर क्यों हो लागू?' मुस्लिम अगर हिंदू त्योहारों का सम्मान करेंगे तो हिंदू भी उनके पर्व का सम्मान करेंगे. आप बताओ अभी होली पर क्या किसी एक मुस्लिम पर भी जानबूझकर रंग लगाया क्या किसी ने?''
MLA रामेश्वर शर्मा की इस मांग को हिंदू संगठनों ने भी समर्थन दिया है. संस्कृति बचाओ मंच के चंद्रशेखर तिवारी ने कहा, "नवरात्रि में मांस की दुकानें खुली रहती हैं, जिससे व्रत और उपवास में अशुद्धता का भाव आता है. हम मुख्यमंत्री मोहन यादव से मांग करते हैं कि 9 दिनों तक मांस-मटन की दुकानें बंद हों और महाष्टमी व रामनवमी पर शराब की दुकानें भी बंद की जाएं."
वहीं, कांग्रेस ने बीजेपी पर समाज को बांटने का आरोप लगाया है. कांग्रेस नेता अब्बास हफीज ने कहा, "भोपाल गंगा-जमुनी तहजीब का शहर है, जहां हर धर्म के लोग एक-दूसरे के त्योहारों का सम्मान करते हैं. बीजेपी इस तरह के बयानों से माहौल खराब करने की कोशिश कर रही है."
यह विवाद ऐसे समय में उठा है, जब चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से शुरू होने जा रही है, जिसे हिंदू समुदाय अपना पवित्र त्योहार मानता है. वहीं, मुस्लिम समुदाय का प्रमुख त्योहार ईद 31 मार्च या 1 अप्रैल को मनाया जाएगा.
नवरात्रि और ईद के इस संयोग के बीच मांस दुकानों को लेकर सियासी बहस छिड़ गई है. दिल्ली में बीजेपी विधायकों की ओर से इसी तरह की मांग के बाद अब मध्य प्रदेश में भी यह मुद्दा गरमा रहा है. आने वाले दिनों में यह विवाद और तूल पकड़ सकता है.