Advertisement

न पंडित, न अग्नि, न 7 फेरे..., इस अनोखी शादी का साक्षी है संविधान, देखिए तस्वीरें

मध्य प्रदेश में एक शादी के काफी चर्चे हो रहे हैं. इस शादी में न पंडित को बुलाया गया. न ही दूल्हा और दुल्हन ने अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लिए, बल्कि दोनों ने संविधान को साक्षी मानकर शादी की. इतना ही नहीं दोनों ने स्टेज पर संविधान की प्रस्तावना पढ़ी. इस दौरान मौजूद लोगों ने दोनों के इस कदम की जमकर तारीफ की.

दूल्हा दुल्हन ने संविधान को साक्षी मानकर शादी की दूल्हा दुल्हन ने संविधान को साक्षी मानकर शादी की
राजेश भाटिया
  • बैतूल ,
  • 17 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 9:17 AM IST

मध्य प्रदेश के बैतूल में एक शादी की काफी चर्चा हो रही है. इस अनूठी शादी में दुल्हन ने अग्नि को नहीं बल्कि संविधान को साक्षी माना. संविधान की प्रस्तावना पढ़कर उसने शादी की. इसमें न तो पंडित था और न ही फेरे लिए गए. 

गौरतलब है कि बैतूल में रविवार को पेशे से वकील दर्शन बुंदेले और टीचर राजश्री अहिरे ने शादी की. दूल्हा और दुल्हन ने स्टेज पर संविधान की प्रस्तावना पढ़ी. स्टेज पर हाथ मे संविधान की किताब लेकर उसे साक्षी माना और एक-दूसरे को वरमाला पहनाई. 

Advertisement

12 साल के अफेयर के बाद की शादी

दरअसल, दर्शन और राजश्री के बीच 12 साल से अफेयर चल रहा था. दोनों अलग-अलग जाति के हैं. दोनों ने समाज को संदेश देने के लिए निर्णय लिया कि ऐसी शादी की जाए, जिससे जाति का भेदभाव दूर हो.

संविधान ने हमें अपनी पसंद का अधिकार दिया है

दुल्हन राजश्री का कहना है कि संविधान ने हमें अपनी पसंद का अधिकार दिया है तो समाज की रूढ़िवादी प्रथा से हटकर वर वधु को अपनी पसंद का अधिकार होना चाहिए. यही कारण है कि हमने संविधान से मिले मौलिक अधिकारों का उपयोग कर अपनी पसंद की शादी की है.

संविधान की प्रस्तावना पढ़कर विवाह किया

अपने दाम्पत्य जीवन की शुरुआत करने वाले दर्शन का कहना है कि जाति के आधार पर भेदभाव हो रहा है. इसी को लेकर हमने सोचा कि हमारे संविधान में देश के सभी नागरिकों को बराबर अधिकार हैं. संविधान में सबको बराबरी के अधिकार दिए हैं. इसलिए हमने संविधान की प्रस्तावना पढ़कर विवाह किया है.

Advertisement

यह कदम बहुत अच्छा और प्रेरणादायक

इस अनूठी शादी में आए मेहमानों ने शादी की सराहना भी की. मेहमान प्रशांत गर्ग का कहना है कि यह बहुत अच्छा निर्णय है. जिस तरह समाज में जाति भावनाओं को लेकर शादियां होती हैं या लेन-देन (दहेज) की बात होती है, उसको देखते हुए दर्शन का यह कदम बहुत अच्छा और प्रेरणादायक है.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement