
मध्य प्रदेश के शाजापुर में वन विभाग ने विलुप्त प्रजाति रेड सैंड बोआ (चकलोन) प्रजाति के सांप की खरीदी-बिक्री करने की सूचना पर कार्रवाई की. मामले में वन विभाग ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया है. साथ ही रेड सैंड बोआ प्रजाति का एक सांप भी बरामद किया है. सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है.
जानकारी के मुताबिक, गुरुवार शाम को वन विभाग को सूचना मिली कि कुछ लोग विलुप्त प्रजाति चकलोन के सांप को लेकर घूम रहे हैं. ये लोग उसे बेचने की योजना बना रहे हैं. वन विभाग ने दुपाड़ा रोड पहुंचकर जांच की तो मामला सही पाया गया. वन विभाग को इनके पास से चकलोन प्रजाति का एक सांप भी मिला है. इसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में लाखों में है.
आयुर्वेदिक दवाइयां बनाने में आता है काम
रेड सैंड बोआ सांप का उपयोग नशे की दवाइयां और आयुर्वेदिक दवाइयां बनाने में किया जाता है. यही वजह है कि इस सांप को लाखों में खरीदा या बेचा जाता है. इस मामले में वन विभाग ने गिरफ्तार किए गए झालावाड़ के रहने वाले 47 साल के लोकेश, 26 साल के रोहित, 51 साल के गोकुल, 48 साल के नारायण, 29 साल के दुर्गेश और 68 साल के भेरू सिंह को जेल भेज दिया गया है.
सांप रेस्क्यू एक्सपर्ट ने कही ये बात
सांप रेस्क्यू एक्सपर्ट हरीश पटेल ने बताया कि भारत में संरक्षित दो मुंहा सांप (रेड सैंड बोआ) की अंतरराष्ट्रीय मार्केट में बहुत ज्यादा डिमांड है. बाजार में इसकी कीमत लाखों में बताई जाती है. राजस्थान के मरूस्ल इलाकों में बहुतायत से पाये जाने वाले दो मुंहा सांप का वैज्ञानिक नाम रेड सैंड बोआ स्नेक है. इस सांप से जुड़ी कुछ रूढ़ियों के चलते बहुत बड़े पैमाने पर इसकी तस्करी होती है. एक रिपोर्ट के अनुसार, दो मुंहे सांप का इस्तेमाल विशेष रूप से तांत्रिक क्रियाओं में किया जाता है.