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नागपुर और भोपाल में CBI का एक्शन, 20 लाख की रिश्वत लेने पर NHAI के जनरल मैनेजर समेत 6 गिरफ्तार

आरोप है कि उक्त निजी कंपनी के कर्मचारियों ने नागपुर और मध्य प्रदेश में आरोपियों को रिश्वत दी. इसके अलावा यह भी आरोप है कि नागपुर में उक्त महाप्रबंधक (जीएम) और डिप्टी जीएम को 25 लाख रुपये की रिश्वत दी जाने की संभावना थी.

CBI ने भोपाल-नागपुर से रिश्वतखोरी में 6 लोगों को अऱेस्ट किया है CBI ने भोपाल-नागपुर से रिश्वतखोरी में 6 लोगों को अऱेस्ट किया है
दिव्येश सिंह
  • नागपुर,
  • 04 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 6:49 AM IST

सीबीआई ने 20 लाख रुपये की रिश्वतखोरी में NHAI (नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया)  के जीएम और डीजीएम और एक निजी कंपनी के 2 निदेशकों समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया है. सीबीआई ने रिश्वत की रकम समेत 1.1 करोड़ रुपये बरामद किए हैं. मामला 20 लाख रुपये की रिश्वत लेने से संबंधित है. जो कि एनएचएआई के 2 अधिकारियों द्वारा ली गई थी.

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आरोप है कि NHAI के अधिकारियों ने आउटर रिंग रोड परियोजना के लिए रिश्वत के बदले लंबित बिलों के प्रोसेसिंग और कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी करने समेत लंबित मामलों को निपटाने के लिए राशि स्वीकार की थी. दोनों आरोपी सरकारी अधिकारी हैं और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण में उच्च पदों पर तैनात हैं. आरोपियों में से एक नागपुर में प्रोजेक्ट इम्प्लीमेंटेशन यूनिट (PIU) का जनरल मैनेजर है, उसकी पहचान अरविंद काले के रूप में की गई है, जबकि दूसरा आरोपी एमपी के हरदा में एनएचएआई का डिप्टी जनरल मैनेजर ब्रिजेश कुमार साहू है. इसके साथ ही भोपाल स्थित निजी कंपनी के 2 निदेशकों और 2 कर्मचारियों, अनिल बंसल और कुणाल बंसल पर भी रिश्वतखोरी के आरोप हैं.

सीबीआई ने एनएचएआई, निजी कंपनी और उसके कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है कि वे लंबित बिलों की प्रोसेसिंग, कम्पलीशन प्रमाण पत्र जारी करने, दिए गए कार्यों की प्रगति के बदले अपने कर्मचारियों के माध्यम से एनएचएआई अधिकारियों को रिश्वत दे रहे थे.

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आरोप है कि उक्त निजी कंपनी के कर्मचारियों ने नागपुर और मध्य प्रदेश में आरोपियों को रिश्वत दी. इसके अलावा यह भी आरोप है कि नागपुर में उक्त महाप्रबंधक (जीएम) और डिप्टी जीएम को 25 लाख रुपये की रिश्वत दी जाने की संभावना थी. उक्त निजी कंपनी के एक कर्मचारी कृष्णा द्वारा एनएचएआई के दोनों अधिकारियों को 20 लाख रुपये की कथित रिश्वत दिए जाने के बाद सीबीआई अधिकारियों द्वारा बिछाए गए जाल के बाद गिरफ्तारियां की गईं.

जानकारी के मुताबिक इस केस में विस्तृत जांच चल रही है, आरोपियों के कई दफ्तरों और आवासों पर तलाशी ली जा रही है. सीबीआई की तलाशी के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरण बरामद किए गए हैं.

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