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लापरवाही की हद: एड्स पीड़ित गर्भवती महिला का ऑपरेशन, फिर उसी ओटी में 8 प्रसूताओं की नॉर्मल डिलीवरी

MP News: गलती केवल जिला अस्पताल स्तर से नहीं हुई, बल्कि यह गलती खुद प्रसूता के स्तर से शुरू होती है. जब प्रसूता को प्रसव के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया तो उसके साथ कोई भी आशा कार्यकर्ता नहीं थी और न ही उसके पास 3 एएनसी चेकअप संबंधी कोई दस्तावेज था.

(सांकेतिक तस्वीर) (सांकेतिक तस्वीर)
योगितारा दूसरे
  • सतना ,
  • 13 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 11:27 AM IST

MP News: सतना में जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में हद दर्जे की लापरवाही का मामला सामने आया है. सरदार वल्लभभाई पटेल शासकीय जिला चिकित्सालय में एक एचआईवी पॉजिटिव गर्भवती महिला का सीजर कर दिया गया. इतना ही नहीं, इसी ऑपरेशन थियेटर में एक के बाद एक 8 सामान्य महिलाओं के भी सीजर कर दिए गए. मामले का खुलासा होने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया. सिविल सर्जन डॉ. केएल सूर्यवंशी में मामले में मेटरनिटी विंग के इंचार्ज डॉ. सुनील पांडेय से जानकारी तलब की है.
 
ऐसे होती गई चूक पर चूक
 

जानकारी के मुताबिक, गलती केवल जिला अस्पताल स्तर से नहीं हुई, बल्कि यह गलती खुद प्रसूता के स्तर से शुरू होती है. जब प्रसूता को प्रसव के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया तो उसके साथ कोई भी आशा कार्यकर्ता नहीं थी और न ही उसके पास 3 एएनसी चेकअप संबंधी कोई दस्तावेज था. इतना ही नहीं, डॉक्टरों को प्रसूता और उसके परिजनों ने नहीं बताया कि गर्भवती महिला एचआईवी पॉजिटिव है. 

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प्रोटोकॉल के मुताबिक, जब गर्भवती महिला के कुछ जरूरी ब्लड टेस्ट कराए गए तो रीजनल डायग्नोस्टिक सेंटर की पैथालॉजी से रिपार्ट आई, मगर आईसीटीसी ने एचआईवी की टेस्ट रिपोर्ट समय पर नहीं दी. गर्भवती महिला में कॉम्पलीकेशन होने की वजह से लेडी डॉक्टर ने भी एचआईवी रिपोर्ट का इंतजार नहीं किया और सीजर कर दिया.
 
24 घंटे के लिए बंद करना चाहिए था ओटी
इस तरह जानकारी के अभाव में एक के बाद एक 8 सीजर किए गए. जबकि एक सीजर के बाद सारे औजारों को ऑटो क्लेव मशीन में डालकर संक्रमणमुक्त किया जाता है. डॉक्टर भी ऑपरेशन के वक्त पूरे प्रोटोकॉल का पालन करता है.

मसलन, हाथों में ग्लब्ज, एप्रिन, बालों में कैप लगाए रहता है. ये एचआईवी संक्रमित तभी होंगे जब कहीं कोई घाव हो जाए और सीजर में उपयोग होने वाले औजार उसमें छू जाए. ऐसे मामलों में ओटी को फ्यूमीकेट करने के बाद 24 घंटे के लिए बंद करने का प्रावधान है. एचआईवी  संक्रमण से बेखबर स्टाफ ने 8 और महिलाओं के सीजर किए गए, जिसकी वजह से सभी प्रसूताओं की कांटेक्ट ट्रेसिंग के निर्देश ने दिए गए हैं.

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जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. केएल सूर्यवंशी ने कहा कि ऐसा कर्मचारियों से पता चला है. उसकी हम जांच कराएंगे कि कहां गलती हुई है? क्योंकि एचआईवी किट तो हमारे स्टोर में उपलब्ध है. इमरजेंसी में किया गया है तो ये जांच का विषय है. हम हमने डिपार्टमेंट से पता करेंगे और उचित कार्रवाई करेंगे. 

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