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कूनो नेशनल पार्क से भागकर करौली के आबादी क्षेत्र में पहुंचा चीता पवन, रेस्क्यू कर लाया गया वापस

मध्य प्रदेश के श्योपुर में स्थित कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) से भागकर चीता पवन राजस्थान के करौली जिले में पहुंच गया. चीता यहां आबादी क्षेत्र में जा पहुंचा था. जब लोगों ने देखा तो हड़कंप मच गया. सूचना वन विभाग को दी गई. इसके बाद कूनो नेशनल पार्क के साथ ही वन टीम ने चीते को रेस्क्यू किया.

करौली में चीता पवन को किया गया रेस्क्यू. करौली में चीता पवन को किया गया रेस्क्यू.
गोपाल लाल माली
  • करौली,
  • 05 मई 2024,
  • अपडेटेड 1:13 PM IST

मध्यप्रदेश के श्योपुर के स्थित कूनो नेशनल पार्क से चीता पवन सीमा लांघकर राजस्थान के करौली पहुंच गया. चीता यहां आबादी वाले क्षेत्र में पहुंचा था. इसके बाद लोगों में हड़कंप मच गया. सूचना के बाद राजस्थान वन विभाग और कूनो चीता ट्रेकिंग टीम मौके पर पहुंची और चीता पवन को ट्रेंकुलाइज कर वापस कूनो में पहुंचा दिया. वहीं पार्क की सीमा से बाहर निकली मादा वीरा अभी भी मुरैना बॉर्डर पर डेरा जमाए है, जिसकी 24 घंटे निगरानी की जा रही है.

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जानकारी के अनुसार, कूनो नेशनल पार्क के खुले जंगल में विचरण कर रहे नर चीता पवन और मादा चीता वीरा गुरुवार दोपहर कूनो पार्क की सीमा से बाहर निकलकर मुरैना के बरौठा गांव के बीहडों में पहुंच गए थे. चीता पवन राजस्थान के करौली के करणपुर के सिमारा गांव पहुंच गया.

यहां देखें Video

यह भी पढ़ें: कूनो नेशनल पार्क में बनेगी देश की पहली चीता सफारी, सेंट्रल जू अथॉरिटी से मिली मंजूरी

शनिवार सुबह कुछ ग्रामीणों ने चीते को एक खेत में देखा. ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी. जानकारी मिलने के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई. वन टीम ने जानवर को देखकर चीता होने की पुष्टि की. वन विभाग की टीम ने कूनो प्रबंधन को जानकारी दी. कूनो पार्क की ट्रैकिंग टीम राजस्थान पहुंची और चीता पवन का रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. 3 से 4 घंटे में टीम ने पवन को ट्रेंकुलाइज कर लिया. चीते के रेस्क्यू ऑपरेशन को देखने के लिए चंबल नदी के किनारे ग्रामीणों की भीड़ लग गई.

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कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ ने क्या बताया?

कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ आर थिरुकुराल ने फोन पर बताया कि पवन राजस्थान पहुंच गया था, जिसको ट्रेंकुलाइज कर लिया गया है. चीता पवन को प्रोटोकॉल के तहत पार्क के बाड़े में रखा गया है. जल्द ही ओपन रेंज में छोड़ दिया जाएगा, जबकि वीरा मुरैना इलाके में में ही है. हमारी ट्रैकिंग टीम चीते की निगरानी कर रही है, लिहाजा चिंता की बात नहीं है.

बीते माह भी कूनो से भाग गया था चीता पवन

मध्यप्रदेश और राजस्थान के ये दोनों जिले चंबल नदी से सटे हैं. ​करौली का सिमारा भी चंबल के किनारे बसा है. अनुमान है कि चीता चंबल किनारे होते हुए राजस्थान पहुंचा है. मादा चीता वीरा पिछले माह लगभग 23 दिन तक मुरैना जिले के पहाडगढ़ के जंगल में रही, इसके बाद उसे रेस्क्यू कर वापस लाया गया. हालांकि उस समय पवन भी निकला था, लेकिन वापस लौट आया था.

कूनो नेशनल पार्क में अभी कुल कितने चीते हैं?

कूनो नेशनल पार्क में वर्तमान में केवल 2 ही चीते खुले जंगल में हैं. ये नर चीता पवन (नामीबियाई नाम ओबान) और मादा चीता वीरा (दक्षिणी अफ्रीकी नाम तस्वालू उपवयस्क मादा) हैं. इन्हें 19 दिसंबर 2023 को कूनो के अगरा क्षेत्र के पीपलबावड़ी पर्यटन जोन में छोड़ा गया था. कूनो नेशनल पार्क में अभी कुल 27 चीता हैं, जिनमें 13 वयस्क चीता और 14 शावक शामिल हैं.

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