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'खुशी है कि उन्होंने धर्म परिवर्तन नहीं किया...', CM मोहन यादव ने CAA के तहत 3 आवेदकों को सौंपा भारतीय नागरिकता का सर्टिफिकेट

MP News: मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि खुशी है कि पाकिस्तान और बांग्लादेश से लोग अपना धर्म बचाने के लिए भारत आए हैं. अगर उन्होंने धर्म परिवर्तन किया होता तो वे अपने-अपने देशों में रह सकते थे.

CM मोहन यादव. CM मोहन यादव.
हेमेंद्र शर्मा
  • भोपाल ,
  • 27 जून 2024,
  • अपडेटेड 4:59 PM IST

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को मध्यप्रदेश नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के तहत राज्य के प्रथम तीन आवेदकों को भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र प्रदान किया. इनमें एक बांग्लादेश और दो पाकिस्तान से भारत आए थे. 

CM मोहन यादव ने कहा, सीएए के तहत तीन लोगों को नागरिकता दी गई है. इनमें से दो पाकिस्तान से और एक बांग्लादेश से है. मुझे खुशी है कि वे अपना धर्म बचाने के लिए भारत आए हैं. अगर उन्होंने धर्म परिवर्तन किया होता तो वे अपने-अपने देशों में रह सकते थे.

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सीएम डॉ मोहन यादव ने पाकिस्तान से समीर सेलवानी, संजना सेलवानी और बांग्लादेश से राखी दास को भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र सौंपा. CM यादव ने कहा, ये मूल रूप से विदेशी नहीं, अखण्ड भारत के हिस्सा थे. तत्कालीन सरकार के भरोसे से वहां रह गए थे.

CAA के तहत पहले आवेदक समीर सेलवानी और संजना सेलवानी के पिता पाकिस्तान में रह रहे थे. 2012 से ये भारत में रह रहे हैं. इन्होंने CAA के अंतर्गत मई में आवेदन किया था. तीसरी आवेदक राखी दास बांग्लादेश से हैं. इन्हे भी आज भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र प्रदान किया गया.

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नागरिकता संबंधी कठिनाई का निराकरण कर एक ऐसा रिश्ता पुनर्स्थापित करने का प्रयास किया, जो अखण्ड भारत की याद दिलाता है. 

उन्होंने कहा कि 1947 के पहले तत्कालीन सरकार द्वारा जो निर्णय किया गया था कि हम अपने देश में सभी अल्पसंख्यकों की रक्षा और उनकी चिंता करेंगे. इस भरोसे से हिंदू, सिक्ख, जैन, बौद्ध, ईसाई, पारसी भारत के पूर्व हिस्से बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में रह गए थे. काल के प्रवाह में उनको भारत में आने से मना कर दिया गया. उनपर प्रतिबंध लगा दिया गया और इन्हें विदेशी माना गया. जबकि ये मूल रूप से विदेशी नहीं थे. ये उस अखण्ड भारत के हिस्सा थे. ये सिर्फ तत्कालीन सरकार के भरोसे से वहां रह गए थे. बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सरकारें उनकी सुरक्षा उपलब्ध नहीं करा पा रही थी.

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CM यादव ने कहा कि सीएए से हमारे परिवार के लोग हमारे पास आ रहे हैं. ये अपने धर्म को बचाने के लिए अपने मूल देश में आ रहे हैं. अगर वहां ये धर्म बदल लेते तो वहीं रह सकते थे. डॉ यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने बड़ा काम किया. मध्यप्रदेश में जो भी आएगा उन सभी का स्वागत करेंगे. मध्यप्रदेश शासन द्वारा इनकी जो जरूरतें होंगी, उसमें शासन पूरी मदद करेगा.

बता दें कि भारत सरकार ने साल 2019 के दिसंबर में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न की वजह से 31 दिसंबर 2014 को या इससे पहले आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता देने के लिए सीएए बनाया है. 

राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के बाद कानून को अधिसूचित कर दिया गया था. लेकिन भारतीय नागरिकता प्रदान करने के लिए नियम चार साल की देरी के बाद इसी साल 11 मार्च को जारी किए गए थे. केंद्र सरकार इससे पहले संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) के तहत पश्चिम बंगाल, हरियाणा और उत्तराखंड में नागरिकता देने की शुरुआत कर चुकी है. 

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