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'मैं भी उसी फ्लाइट में था, मुझे तो अच्छी सीट मिली...', शिवराज को एयर इंडिया के विमान में टूटी सीट देने पर बोले दिग्विजय

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय हिंस ने कहा, संयोग से मैं भी उसी फ्लाइट में सवार था, लेकिन मुझे तो अच्छी सीट दी गई. हालांकि, कांग्रेस सांसद ने स्वीकार किया कि प्राइवेट एयरलाइन ने शिवराज सिंह चौहान को टूटी सीट देकर गलती की.

(फाइल फोटो) (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • इंदौर ,
  • 25 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 11:00 AM IST

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने एयर इंडिया के विमान में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान को दी गई टूटी सीट पर टिप्पणी की. कहा कि उसी विमान में वह भी सवार थे, लेकिन उनको तो अच्छी सीट दी गई थी. 

दरअसल, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान पिछले शुक्रवार को भोपाल से नई दिल्ली जाने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट में सवार थे. सफर के दौरान शिवराज को टूटी हुई सीट दी गई थी. इसका जिक्र करते हुए खुद केंद्रीय मंत्री ने एयर इंडिया प्रबंधन को आड़े हाथों लिया. 

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इस मामले पर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस सांसद दिग्विजय हिंस ने कहा, "संयोग से मैं भी उसी फ्लाइट में सवार था, लेकिन मुझे अच्छी सीट दी गई." हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि प्राइवेट एयरलाइन ने शिवराज सिंह चौहान को टूटी सीट देकर गलती की. 

दिग्विजय सिंह ने कहा, "प्रोटोकॉल के अनुसार केंद्रीय मंत्रियों को विमान की पहली पंक्ति में सीटें आवंटित की जाती हैं. इसलिए, एयर इंडिया को चौहान को उस पंक्ति में सीट देनी चाहिए थी." 

GIS का पूरा लेखा जोखा पेश करे सरकार 
वहीं, भोपाल में चल रहे ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) को लेकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर कटाक्ष करते हुए दिग्विजय सिंह ने पारदर्शिता की मांग की और अतीत में आयोजित ऐसे सभी आयोजनों का विवरण मांगा. कांग्रेस के दिग्गज नेता ने कहा कि BJP सरकार को 2004 से मध्य प्रदेश में आयोजित सभी जीआईएस का पूरा लेखा-जोखा पेश करना चाहिए और प्राप्त वास्तविक निवेश और ऐसे आयोजनों से पैदा हुए रोजगारों की संख्या का खुलासा करना चाहिए.

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साफ किया जा सकता था संगम का पानी 

इसके अलावा, कांग्रेस सांसद ने सुझाव दिया कि प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के स्थल संगम के पानी को समय-समय पर रसायनों का उपयोग करके साफ रखा जा सकता था. प्रयोगशाला परीक्षण रिपोर्टों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि पवित्र नदियों गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती के संगम पर, जहां 13 जनवरी से करोड़ों श्रद्धालु पवित्र डुबकी लगा चुके हैं, पानी की गुणवत्ता शुद्धता के आवश्यक मानकों को पूरा नहीं करती है. 

इंदौर में पत्रकारों से बात करते हुए मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम ने कहा कि अब यह मामला राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के पास चला गया है. उन्होंने कहा, "महाकुंभ के दौरान संगम के पानी को समय-समय पर कुछ केमिकल्स का उपयोग करके साफ किया जा सकता था. जब महाकुंभ के लिए 7,500 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, तो इसे साफ क्यों नहीं किया गया? संगम के पानी की शुद्धता बनाए रखने पर ध्यान दिया जाना चाहिए था."

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