
मध्य प्रदेश के दमोह में गोहत्या का सनसनीखेज मामला सामने आने से तनाव फैल गया. सीता बावड़ी इलाके के एक घर में गाय काटे जाने की सूचना पर हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने छापा मारा, जहां कसाइयों ने उन पर गोली चला दी. सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने तीन आरोपियों को रंगे हाथों हिरासत में लिया और मृत गाय का पोस्टमॉर्टम कराया, जिसमें पता चला कि गाय चार-पांच माह की गर्भवती थी. इस घटना के बाद हिंदू संगठनों ने शहर बंद का आह्वान किया है, और इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.
दरअसल, शुक्रवार सुबह-सुबह हिंदू संगठनों को सूचना मिली कि सीता बावड़ी में एक घर में गाय काटी जा रही है. कार्यकर्ताओं ने पुलिस को सूचित कर मौके पर छापा मारा. वहां एक गाय को बेरहमी से काटा जा रहा था, जिसका लाइव वीडियो भी सामने आया है. कसाइयों ने कार्यकर्ताओं पर फायरिंग की, हालांकि इसमें कोई घायल नहीं हुआ. पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए तीन कसाइयों को हिरासत में लिया और मृत गाय को कब्जे में लिया. पोस्टमॉर्टम में गाय के गर्भवती होने की पुष्टि हुई, जिससे आक्रोश और बढ़ गया.
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
एडिशनल SP संदीप मिश्रा ने बताया, "गोहत्या और फायरिंग की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची. तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है और विधिवत कार्रवाई की जा रही है."
घटनास्थल पर नगर पालिका का बुल्डोजर बुलवाया गया, जिसने उस स्थान को ध्वस्त कर दिया, जहां गाय काटी जा रही थी. CMO के अनुसार, अस्थायी अतिक्रमण हटाया जा चुका है और स्थायी कब्जों को हटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया है.
हिंदू संगठनों का आक्रोश
घटना के बाद बड़ी संख्या में हिंदू संगठन के कार्यकर्ता मौके पर जमा हो गए. गाय के गर्भवती होने की खबर ने उनके गुस्से को और भड़का दिया. संगठनों ने इस क्रूरता के खिलाफ दमोह में शहर बंद का आह्वान किया है. कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह सिर्फ अपराध नहीं, बल्कि उनकी आस्था पर हमला है.
तनाव और सवाल
यह घटना दमोह में तनाव का कारण बन गई है. कसाइयों द्वारा फायरिंग और गर्भवती गाय की हत्या ने स्थानीय लोगों में रोष पैदा कर दिया है. पुलिस जांच कर रही है कि यह सुनियोजित था या अचानक हुई घटना. प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कड़े कदम उठाए हैं, लेकिन शहर बंद से माहौल और गरमा सकता है.