
मध्य प्रदेश के पन्ना में हीरा नीलामी के आखिरी दिन उम्मीद से कम हीरों की बोली लगी. आमतौर पर दिवाली के मौके पर अच्छी बोली लगती है पर बाजार से रौनक गायब रही. इस साल डायमंड ऑक्शन में करीब चार करोड़ के हीरो के बिकने की उम्मीद जताई जा रही थी पर ऐसा नहीं हुआ. पन्ना के संयुक्त कलेक्ट्रेट भवन में तीन दिनों तक चली नीलामी में इस बार महज 94 लाख 08 हजार 759 रुपये के 58.85 कैरेट के हीरे ही बिक सके.
हीरों की नीलामी से पहले करीब 204 उज्जवल, मटमैले और औद्योगिक किस्म के हीरों का वजन 336.65 कैरेट था. जिनकी कीमत 4 करोड़ से भी ज्यादा आंकी जा रही थी. लेकिन 3 दिनों तक चली नीलामी में पहले दिन 24 लाख 7 हजार 526, दूसरे दिन 49 लाख 37 हजार 834 और आखिरी दिन महज 20 लाख 63 हजार 399 रुपये के हीरे ही बिक सके.
इस नीलामी में गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र के कई बड़े हीरा व्यापारी शामिल हुए थे. इसके अलावा नगर के भी कई हीरा व्यापारियों ने नीलामी में हिस्सा लिया. बावजूद इसके हीरों की नीलामी अनुमान से काफी कम रही.
इस मामले पर खनिज एंव हीरा अधिकारी पन्ना रवि पटेल का कहना है कि इस नीलामी में 94 लाख 08 हजार 759 रुपये के 58.85 कैरेट के हीरे नीलम हुए. इसका कारण व्यापारियों ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में चल रही मंदी को बताया. आकर्षण के केंद्र रहे अच्छे और बडे़ हीरे पेंडिंग चले गए. अब इनकी बोली अगली नीलामी में लगेगी. मुंबई के हीरा कारोबारी कमलेश जड़िया की माने तो हीरे की ओलिसिंग की वजह से हीरा व्यापार में मंदी का दौर देखा जा रहा है. नो डाउट पन्ना में अच्छी किस्म का हीरा पाया जाता है. इसलिए हम लोग इस नीलामी में शामिल होते हैं.