Advertisement

क्या CM शिवराज ने पेशाब कांड के पीड़ित की जगह दूसरे शख्स के पखार दिए पैर? उठ गया असली-नकली से पर्दा

Sidhi Urination Case: सीधी जिले के पेशाब कांड में पीड़ित दशमत रावत को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने आवास बुलाकर माफी मांगी थी. सम्मान स्वरूप दशमत के पैर भी धोए. लेकिन दावा किया जा रहा है कि पेशाब कांड का पीड़ित और मुख्यमंत्री के पास जाने वाले शख्स में काफी असमानताएं हैं. इसी मुद्दे पर Aajtak.in की ये रिपोर्ट पढ़िए...

सीधी पेशाब कांड के पीड़ित को लेकर सियासत जारी. (फाइल फोटो) सीधी पेशाब कांड के पीड़ित को लेकर सियासत जारी. (फाइल फोटो)
हरिओम सिंह
  • सीधी/भोपाल ,
  • 10 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 11:33 AM IST

मध्य प्रदेश के सीधी जिले में हुए पेशाब कांड को लेकर सियासत थमती नजर नहीं आ रही है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीड़ित दशमत रावत के चरण धोकर डैमेज कंट्रोल किया. लेकिन अब 'असली और नकली पीड़ित' को लेकर वाद-विवाद शुरू हो गया है. विपक्षी दलों से लेकर सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि पीड़ित की जगह किसी दूसरे शख्स को मुख्यमंत्री से मिलवाने भोपाल ले जाया गया. यह दावे दशमत रावत की कद-काठी, हुलिया और उसकी भाव-भंगिमाओं के आधार पर किए जा रहे हैं. उधर, सूबे की सरकार ने इस अफवाह का खंडन किया है.   

Advertisement

दरअसल, मध्य प्रदेश कांग्रेस ने रविवार को एक ट्वीट के जरिए दावा किया- ''सीधी पेशाब कांड में बड़ा खुलासा, शिवराज ने किसी और के पांव धोने की नौटंकी की, असली पीड़ित लापता हैं क्या? शिवराज जी, इतना बड़ा षड्यन्त्र? मध्यप्रदेश आपको माफ नहीं करेगा.''

हालांकि, इससे पहले ही सोशल मीडिया यूजर्स तरह-तरह की बातों से पीड़ित के 'असली और नकली' होने का दावा करने लगे थे. एक शख्स ने लिखा, ''मेरे हिसाब से मध्यप्रदेश में आरोपी प्रवेश शुक्ला ने जिस आदिवासी लड़के पर पेशाब किया था वह और इस दशमत रावत में काफी असमानताएं हैं. पेशाब कांड वाले पीड़ित की उम्र 16 -17 से अधिक नहीं लग रही. जबकि जिसके पैर धुले गए वह 'दशमत रावत' की उम्र करीब 35 से 38 साल लग रही है' वायरल वीडियो में लड़के बाल काले, घने और घुंघराले थे. पीड़ित मानसिक विकलांग लग रहा था, जबकि दशमत रावत के बाल सफेद हैं और मानसिक स्वास्थ्य भी बिल्कुल ठीक है.''

Advertisement

सीधी के एसपी का बयान

इस मामले को लेकर सीधी के पुलिस अधीक्षक (SP) रविंद्र कुमार वर्मा ने Aajtak को बताया, कुबरी गांव में हुई अपमानजनक घटना के पीड़ित यानी दशमत रावत को ही मुख्यमंत्री आवास में ले जाकर सम्मान दिलाया गया था. मतलब सोशल मीडिया में चल रही इन अफवाहों का खंडन करते हुए एसपी ने विराम लगा दिया. 

कलेक्टर ने भी किया खंडन 

जिला कलेक्टर साकेत मालवीय ने भी कहा, वायरल वीडियो मामले में कतिपय कुछ न्यूज़ चैनलों,मीडिया ग्रुप्स में यह भ्रामक खबर चलाई जा रही है कि वीडियो में दिख रहा पीड़ित व्यक्ति दशमत रावत नहीं है. जबकि पुलिस विवेचना में पुष्टि की जा चुकी है कि वीडियो में दिख रहा व्यक्ति दशमत रावत ही हैं.

अब खुद दशमत रावत का बयान देखें

यही नहीं, खुद पीड़ित दशमत रावत ने ही पुष्टि कर दी. पीड़ित के अनुसार, ''यह घटना साल 2020 की है. मैं शराब के नशे में था. मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था. मैंने यह भी नहीं देखा कि मुझ पर पेशाब करने वाला शख्स कौन है? जब यह वीडियो वायरल हुआ तो मुझे थाने और फिर कलेक्टर साहब के पास ले जाया गया. जहां मैंने बार-बार झूठ बोला कि वीडियो में प्रताड़ित होने वाला शख्स मैं नहीं हूं. लेकिन जब आरोपी प्रवेश शुक्ला ने खुद अपराध कुबूल कर लिया तब मुझे विश्वास हुआ...''   देखें Video:-

Advertisement

हैरानी की बात यह है कि कांग्रेस इस मामले में 'असली और नकली' पीड़ित को लेकर सवाल उठा रही है. लेकिन घटना का वीडियो वायरल होने के बाद सीधी जिले के सिहावल विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक कमलेश्वर पटेल खुद इसी पीड़ित यानी दशमत के गांव कुबरी गए थे और न्याय की मांग को लेकर उन्होंने उसके घर के बाहर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया था.  

कब और कैसे हुआ बवाल?

पता हो कि इस पूरे सियासी बवाल की शुरुआत एक वायरल वीडियो से होती है. दरअसल, पिछले दिनों यानी 4 जुलाई के आसपास एक वीडियो वायरल होता है और उसमें देखा जाता है कि एक युवक अपने सामने बैठे शख्स पर पेशाब कर रहा है. इस शर्मनाक और अमानवीय दृश्य को देख हर कोई विचलित हो उठा. पता चला कि यह घटना मध्य प्रदेश के सीधी जिले के कुबरी गांव की है. पीड़ित आदिवासी समुदाय का दशमत रावत है और आरोपी का नाम प्रवेश शुक्ला है.  

सोशल मीडिया पर अचानक टॉप ट्रेंड में आ चुकी इस अपमानजनक घटना के वीडियो को लेकर मध्य प्रदेश सरकार भी तुरंत एक्शन में आ गई. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मामले का संज्ञान लिया. पुलिस-प्रशासन को आरोपी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए. 

Advertisement

इसके बाद पुलिस ने पेशाब कांड के आरोपी प्रवेश शुक्ला के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे आनन-फानन में गिरफ्तार कर लिया. आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) (SC/ST Act)अधिनियम और कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत कार्रवाई शुरू कर दी गई. प्रशासन ने गांव में बने शुक्ला के घर का अवैध हिस्सा भी बुलडोजर चलाकर ढहा दिया.

उधर, इस पेशाब कांड को लेकर देशभर में सियासी भूचाल आ गया. राज्य के विपक्षी दल कांग्रेस इस मामले को लेकर प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर उठा दिया. आरोपी के सत्तारूढ़ दल के विधायक से जुड़े होने का भी दावा किया जाने लगा. 

इसके बाद डैमेज कंट्रोल करने के लिए पूरी सरकारी मशीनरी सक्रिय हो गई. पीड़ित दशमत रावत को राजधानी भोपाल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पास ले जाया गया. 'सीएम हाउस' में सूबे के मुखिया ने पीड़ित दशमत रावत के पैर धोए और उसे अपने बराबर बैठकर नाश्ता कराया. 

इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिला कलेक्टर ने पीड़ित के लिए 5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता और घर के निर्माण के लिए डेढ़ लाख रुपये (कुल 6.5 लाख रुपये) की अतिरिक्त सहायता मंजूर की गई. साथ ही सीधी कलेक्टर ने पीड़ित युवक दशमत साहू के परिवार को एक स्मार्टफोन भी सौंपा. (इनपुट:- एजेंसी)

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement