
'होली का हिल्ला' राघोगढ़ राजघराने की ऐसी परंपरा जिसे देखने के लिए हजारों लोग किले पर एकत्रित होते हैं. होली की तीज यानी तीसरे दिन 'हिल्ला' कार्यक्रम का आयोजन बड़ी धूमधाम के साथ किया जाता है. 'हिल्ला' में शामिल होने के लिए खुद हिन्दूपत नरेश व राघोगढ़ के राजा दिग्विजय सिंह पहुंचने वाले हैं. दिग्विजय सिंह काफी समय बाद पारंपरिक हिल्ला कार्यक्रम में शामिल होंगे. क्या है हिल्ला ?
अंग्रेजी हुकूमत के दौरान अंग्रेजों के सिपहसालार फ्रांसीसी कर्नल JOHN ने जब राघोगढ़ किले को फतह करने के लिए सन 1816 में हमला किया था, उस वक्त राघोगढ़ की सेना और ग्रामीणों की सूझबूझ से JOHN को बंदी बना लिया गया था. JOHN को बंदी बनाये जाने के बाद अंग्रेजों और राघोगढ़ रियासत के बीच समझौता हुआ, जिसमें अंग्रेज राघोगढ़ किले पर हमला करने से पीछे हट गए. राघोगढ़ रियासत ने ये लड़ाई लड़ाई होली के तीसरे दिन जीती थी. राघोगढ़ रियासत के खातीबाड़ा, धीरपुर, बिदोरिया समेत कई गांव के लोगों ने लड़ाई में राजा का साथ दिया था. अंग्रेजों को खदेड़ने के बाद राघोगढ़ के तत्कालीन राजा जयसिंह ने बड़े वटवृक्ष के नीचे सेना की हौंसलाफ़ज़ाई की थी. सैनिकों ने वटवृक्ष के नीचे पहुंचकर राजा जयसिंह को जीत की सूचना दी थी.
राघोगढ़ के विजय दिवस के उपलक्ष में होली की तीज यानी तीसरे दिन हिल्ला का आयोजन बड़ी धूमधाम के साथ किया जाता है. राघोगढ़ राजपरिवार द्वारा इस प्राचीन परंपरा को निभाते हुए 205 साल से ज्यादा बीत चुके हैं. परंपरा का निर्वहन हर साल होली पर किया जाता है. राघोगढ़ राजपरिवार के सदस्य व ग्रामीण एकत्रित होकर अबीर गुलाल के साथ होली खेलते हैं.
राजगढ़ लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी व राघोगढ़ के राजा दिग्विजय सिंह काफी समय बाद हिल्ला में शामिल होंगे. विजय उत्सव को मनाने के लोई दिग्विजय सिंह 28 मार्च को राघोगढ़ किले पर पहुंचेंगे. कुछ समय से उनके पुत्र कांग्रेसी विधायक जयवर्द्धन सिंह इस परंपरा को निभा रहे थे. इस बार दिग्विजय सिंह को राजगढ़ लोकसभा सीट से टिकट मिला है. राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र में गुना जिले की राघोगढ़ और चाचौड़ा विधानसभा आती हैं.
राजगढ़ लोकसभा चुनाव से पहले राघोगढ़ के विजय उत्सव से दिग्विजय सिंह चुनावी शंखनाद करेंगे. राघोगढ़ राजपरिवार को हिन्दूपत नरेश की उपाधि मिली हुई है, जिसका निर्वहन अब राजा के रूप में दिग्विजय सिंह करते हैं.