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'नौकरी को जूते की नोक' पर रखने वाले डॉक्टर साहब सस्पेंड, Police कॉन्स्टेबल को दिखाई थी धौंस

Burhanpur Hospital Doctor suspended: पुलिसकर्मी ने ठीक ढंग से बात करने के लिए बोला. लेकिन गुस्साए डॉक्टर रघुवीर सिंह ने कह दिया, ''मैं नौकरी को जूते की नोक पर रखता हूं. तू सस्पेंड करा दे, मैं नहीं डरता. शौक के लिए नौकरी करता हूं. मैं कोई पुलिसकर्मी नहीं हूं, जो नौकरी चली जाएगी तो कुछ कर नहीं पाऊंगा. तू कलेक्टर को भी फोन लगवा दे तो तेरा मेडिकल नहीं करूंगा.

डॉ रघुवीर सिंह और पुलिसकर्मी दीपक प्रधान. (फाइल फोटो) डॉ रघुवीर सिंह और पुलिसकर्मी दीपक प्रधान. (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • भोपाल/बुरहानपुर,
  • 20 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 1:56 PM IST

MP News: सरकारी नौकरी को जूते की नोक पर रखने की धौंस देने वाले बुरहानपुर जिला अस्पताल के डॉक्टर रघुवीर सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है. वरिष्ठ संयुक्त संचालक शिकायत संचालनालय ने यह कार्रवाई की है. निलंबन की अवधि के दौरान डॉक्टर को अलीराजपुर जिला अस्पताल भेजा गया है.

राजधानी भोपाल से जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि डॉ रघुवीर सिंह ने अपने पदीय कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही बरती जाने और पुलिस कॉन्स्टेबल से अभद्रतापूर्ण व्यवहार किए जाने के साथ ही थाना प्रभारी के संबंध में अनर्गल टिप्पणी की थी. इसी के चलते डॉक्टर को मध्य प्रदेश सिविल सेवा नियमों के तहत तत्काल प्रभारी से सस्पेंड किया जाता है. डॉक्टर को निलंबन काल में नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी.

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क्या है पूरा मामला?

बुरहानपुर के शाहपुर थाना इलाके में एक विवाद हो गया था. शिकायत करने थाने पहुंचे दो घायलों रहमान और लतीफ को पुलिस कॉन्स्टेबल दीपक प्रधान मेडिको लीगल सर्टिफिकेट (एमएलसी) के लिए जिला अस्पताल लेकर पहुंचे थे. इस दौरान ड्यूटी डॉक्टर रघुवीर सिंह से पुलिसकर्मी की बहस हो गई. 

दरअसल, डॉक्टर रघुवीर सिंह ने लतीफ की एमएलसी तो कर दी लेकिन रहमान की एमएलसी के लिए पुलिस कॉन्स्टेबल दीपक प्रधान को इंतजार करने के लिए कह दिया.

कॉन्स्टेबल ने अपनी शिकायत में बताया कि दूसरी एमएलसी के लिए बोलने पर डॉक्टर ने दो टूक कह दिया कि शाहपुर थाने से हो तो मैं यह एलएलसी नहीं कर सकता. शाहपुर में भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है, वहीं जाकर कराओ.

इसके जवाब में पुलिसकर्मी ने कहा कि आज शाहपुर में कोई डॉक्टर नहीं है. पुलिसकर्मी ने अपने अधिकारियों से भी बात कराई, लेकिन फिर भी डॉक्टर ने एक न सुनी. 

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इसी बीच पुलिसकर्मी ने डॉक्टर को ठीक ढंग से बात करने के लिए बोला. लेकिन गुस्साए डॉक्टर रघुवीर सिंह ने कह दिया, ''मैं नौकरी को जूते की नोक पर रखता हूं. तू सस्पेंड करा दे, मैं नहीं डरता. शौक के लिए नौकरी करता हूं. मैं कोई पुलिसकर्मी नहीं हूं, जो नौकरी चली जाएगी तो कुछ कर नहीं पाऊंगा. तू कलेक्टर को भी फोन लगवा दे तो तेरा मेडिकल नहीं करूंगा. मैं यहां से बाहर जाकर भी तीन गुना कमा सकता हूं.'' 

इसी बीच, पुलिसकर्मी ने अपने थाना प्रभारी (टीआई) से बात कराने के लिए कहा तो डॉक्टर बोले, ''तेरा टीआई थर्ड क्लास श्रेणी का है. मैं सेकेंड क्लास ऑफिसर हूं. तुझे जो करना है, कर ले.'' देखें Video:- 

 

इसके बाद एक और कॉन्स्टेबल शैलेंद्र सिंह भी एक आरोपी उत्तम को लेकर अस्पताल पहुंचे हुए थे. उनके कॉल करने पर शाहपुर थाने के प्रभारी यानी टीआई ने एसआई अजय चौहान को मौके पर भेजा. तब एसआई के अनुरोध पर डॉक्टर ने रहमान और उत्तम का मुलाहिजा किया. फिर कॉन्स्टेबल दीपक प्रधान और एसआई शैलेंद्र ने  थाना प्रभारी को पूरी बता बताई. 

सिविल सर्जन अस्पताल अधीक्षक डॉ. प्रदीप कुमार मोजेश ने इस मामले के बाद डॉ. रघुवीर सिंह को नोटिस जारी कर 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा था.

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वहीं, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. राजेश सिसौदिया ने बदतमीजी की शिकायत मिलने पर डॉ. रघुवीर का ट्रांसफर गुलई के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कर दिया है. साथ ही स्वास्थ्य आयुक्त को भी इस मामले में कार्रवाई को लेकर पत्र लिखा था. इसी के बाद डॉक्टर को सस्पेंड कर दिया गया.   

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