
मध्य प्रदेश के जबलपुर में रविवार को सुबह करीब 11 बजे भूकंप के झटके लगे. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.6 दर्ज की गई. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) ने कहा कि भूकंप के झटके पचमढ़ी से 218 किमी दूर महसूस किए गए. हालांकि भूकंप की वजह से अभी तक किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है.
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी 1 अप्रैल को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में पोर्टब्लेयर में 4.0 की तीव्रता वाले भूकंप के बाद मध्य प्रदेश में भूकंप के झटके लगे हैं. NCS ने कहा कि 31 मार्च को, लद्दाख में कारगिल में 4.3 तीव्रता का एक और भूकंप आया था.
इससे पहले 24 मार्च को मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में भूकंप के झटके लगे थे. रिक्टर स्केल पर भूकंप के झटकों की तीव्रता 4.0 थी. भूकंप का केंद्र ग्वालियर से 28 किलोमीटर दूर जमीन से 10 किलोमीटर अंदर था. उधर, छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर समेत आसपास के इलाकों में सुबह 10:39 भूकंप के झटके महसूस किए गए. इसका केंद्र सूरजपुर के भटगांव से 11 किलोमीटर दूर बताया गया था.
क्यों आता है भूकंप?
धरती मुख्यत: चार परतों से बनी हुई है. इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट. क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर कहा जाता है. अब ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है जिन्हें टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है. यानि धरती की ऊपरी सतह 7 टेक्टोनिक प्लेटों से मिलकर बनी है. ये प्लेटें कभी भी स्थिर नहीं होती, ये लगातार हिलती रहती हैं, जब ये प्लेटें एक दूसरे की तरफ बढ़ती है तो इनमें आपस में टकराव होता है. कई बार ये प्लेटें टूट भी जाती हैं. इनके टकराने से बड़ी मात्रा में ऊर्जा निकलती है जिससे इलाके में हलचल होती है. कई बार ये झटके काफी कम तीव्रता के होते हैं, इसलिए ये महसूस भी नहीं होते. जबकि कई बार इतनी ज्यादा तीव्रता के होते हैं, कि धरती फट तक जाती है.
ये भी देखें