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5 बार विधायक और कैबिनेट मंत्री भी रहे... अब बने सांसद प्रतिनिधि, BJP नेता को पार्षद से भी नीचे का दर्जा

MP Politics: मध्यप्रदेश में पांच बार विधायक रहे और कैबिनेट मंत्री रहे कमल पटेल को बैतूल के सांसद और केंद्रीय राज्यमंत्री दुर्गादास उइके ने 17 सितंबर को एक पत्र जारी कर हरदा जिले का सांसद प्रतिनिधि नियुक्त किया. 

MP के पूर्व कैबिनेट मंत्री कमल पटेल. (फाइल फोटो) MP के पूर्व कैबिनेट मंत्री कमल पटेल. (फाइल फोटो)
लोमेश कुमार गौर
  • हरदा/बैतूल,
  • 27 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 2:11 PM IST

मध्यप्रदेश में बीजेपी के वरिष्ठ नेता, पूर्व कैबिनेट मंत्री और 5 बार के विधायक रहे कमल पटेल को सांसद प्रतिनिधि बनाया गया है. प्रोटोकॉल में यह पद पार्षद के बाद आता है. ऐसे मे कांग्रेस ने इस पर तंज कसा है और कहा कि जो व्यक्ति अपने आप को मुख्यमंत्री का दावेदार मानता था, अब वह पार्षद से भी नीचे बैठेगा. इस पर कमल पटेल ने कहा कि कांग्रेस को भाजपा के मामले मे बोलने का कोई हक नहीं है.

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दरअसल, हरदा जिले के सांसद प्रतिनिधि की नियुक्ति काफी चर्चा मे हैं. नियुक्ति को लेकर कांग्रेस जहां सवाल खड़े कर रही है, वहीं भाजपा नेता इसे सही ठहरा रहे हैं. हुआ यूं कि मध्यप्रदेश में पांच बार विधायक रहे और कैबिनेट मंत्री रहे कमल पटेल को बैतूल के सांसद और केंद्रीय राज्यमंत्री दुर्गादास उइके ने 17 सितंबर को एक पत्र जारी कर हरदा जिले का सांसद प्रतिनिधि नियुक्त किया. 

सूबे की विपक्षी पार्टी इस नियुक्ति पर सवाल खड़े कर रही है. पार्टी प्रवक्ता आदित्य भार्गव ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री पद के दावेदार नेता ने चुनाव हारने के बाद सांसद प्रतिनिधि बनकर बता दिया कि वह सत्ता के भूखे हैं. हालांकि, सांसद दुर्गादास उइके का कहना है कि जो सर्वश्रेष्ठ होगा, उसे ही दायित्व दिया जाएगा. 

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वहीं, केंद्रीय राज्यमंत्री और क्षेत्र के सांसद दुर्गा दास उइके ने कहा कि हरदा जिले में भाजपा के पास विधायक नहीं हैं. ऐसे में प्रशासनिक, राजनीतिक और संगठन की दृष्टि से केंद्र और राज्य सरकार की जन हितैषी योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के उद्देश्य से पूर्व मंत्री को दायित्व दिया गया है.
 
उधर, कांग्रेस के आरोपों पर भाजपा नेता कमल पटेल ने कहा, ''कांग्रेस को क्या अधिकार है कि हमें कोई जिम्मेदारी मिलती है तो वो कुछ बोले? केंद्रीय राज्यमंत्री होने के कारण क्षेत्र के सांसद पूरे देश में दौरा करेंगे, इसलिए जिले मे उनका एक प्रतिनिधि होना चाहिए. केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का ठीक से क्रियान्वयन हो, इसलिए दायित्व दिया है. सेवा करना ही हमारा उद्देश्य है, सेवा का काम कोई छोटा बड़ा नहीं होता. जिले का चहुंमुखी विकास होगा. दायित्व है, पद नहीं. कांग्रेस को तकलीफ इसलिए हो रही, जिस बैठक में मैं चला जाऊंगा, उसमें उनकी चलना नहीं है. केंद्र और राज्य में हमारी सरकार है. काम हम करवाएं और श्रेय कांग्रेस ले, जबकि इनकी सरकार में कुछ किया नहीं.''
 
मालूम हो कि हरदा जिले में 2 विधानसभा क्षेत्र हैं, लेकिन दोनों विधानसभा में भाजपा हार गई थी. ऐसे में ससरकारी बैठकों में भाजपा का कोई प्रतिनिधि कैसे शामिल हो, इसके लिए सांसद प्रतिनिधि के पद पर कमल पटेल को नियुक्त किया है. ऐसा कहा जाता है कि प्रोटोकॉल मे यह पद पार्षद से भी नीचे होता है.

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