Advertisement

भीख नहीं मांग रहे, बल्कि हक की लड़ाई लड़ रहे हैं किसान, MSP की गारंटी दी जाए

Farmers Protest: मध्य प्रदेश के गुना में बंद का असर तो देखने को हैं मिला लेकिन किसानों के अंदर नाराजगी जरूर देखने को मिली है. किसानों ने बताया कि खेती अब लाभ का धंधा नहीं रह गई है. खेती बाड़ी में लागत के अनुरूप लाभ नहीं मिल पा रहा है.

MSP से नीचे न रखे जाएं फसल के भाव: किसान MSP से नीचे न रखे जाएं फसल के भाव: किसान
विकास दीक्षित
  • गुना ,
  • 16 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 6:06 PM IST

न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी को लेकर किसानों ने भारत बंद का आह्वान किया था. मध्य प्रदेश के गुना में बंद का असर तो देखने को हैं मिला लेकिन किसानों के अंदर नाराजगी जरूर देखने को मिली है. किसानों ने बताया कि खेती अब लाभ का धंधा नहीं रह गई है. खेती बाड़ी में लागत के अनुरूप लाभ नहीं मिल पा रहा है. सरकार को MSP की गारंटी देनी चाहिए. किसानों की फसल का दाम MSP से नीचे नहीं जाए ऐसा कानून बनाया जाए. 

Advertisement

सरकार की तरफ से पिछली बार आश्वासन दिया गया था कि MSP कानून बनाया जाएगा लेकिन सरकार ने छलावा करते हुए वादाखिलाफी की है. सरकार की गलत नीतियों के कारण खेती घाटे का सौदा बन गया है.

सरकार अपनी जिद पर अड़ी हुई है किसानों पर अत्याचार किया जा रहा है. सरकार किसानों की बर्बादी की जिम्मेदार है. खेती बाड़ी में डीजल कीटनाशक की लागत महंगी हो गई है.

किसानों ने बताया कि खेती में पानी की समस्या के कारण फसलें खराब हो रही हैं. 800 फुट से 1000 फुट के बोर सूख चुके हैं. किसानों के ऊपर बैंकों का कर्ज बढ़ता जा रहा है जिसे चुकाने में किसान की कमर टूट रही है. ओलावृष्टि के बाद मुआवज़े के लिए किसान तरस रहे हैं. बीमा कम्पनी किसानों के नाम पर बड़ा घोटाला कर रही है . खेती में घाटे के बमोरी क्षेत्र के किसान लगातार पलायन कर रहे हैं .

Advertisement

किसानों ने सरकार को चेताते हुए कहा कि ये आंदोलन तो केवल आगाज है आगे और भी आंदोलन किए जाएंगे. 

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी के वास्ते कानून बनाने और कर्ज माफी सहित अपनी मांगों को लेकर भारतीय जनता पार्टी नीत केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए  'दिल्ली चलो' मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं.

तमाम राज्यों मुख्यत: पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों ने 2020 में अपने प्रदर्शन के दौरान राष्ट्रीय राजधानी के सिंघु, गाजीपुर और टिकरी सीमा पर धरना दिया. वे अगस्त 2020 से दिसंबर 2021 तक सीमाओं पर बैठे रहे थे. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement