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मदरसे के खाते में कमीशन पर साइबर ठगी का पैस ले रहे थे पिता-पुत्र, करोड़ों का लेन-देन मिला

Cyber Crime News: ठगी की राशि जिस अकाउंट में जमा हुई, वह कन्नौज के एक मदरसा समिति का निकला. इस खाते को 69 साल के एक मदरसा संचालक और उसके बेटे ने कमीशन पर साइबर ठगों को किराए पर दे रखा था. 

Photo: Generative AI by Vani Gupta/Aaj Tak Photo: Generative AI by Vani Gupta/Aaj Tak
aajtak.in
  • इंदौर ,
  • 09 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 10:02 AM IST

मध्यप्रदेश के मिनी मुंबई यानी इंदौर शहर में एक महिला को 'डिजिटल अरेस्ट' कर 46 लाख रुपये की ठगी करने के मामले में बड़ा पर्दाफाश हुआ है. ठगी की राशि जिस अकाउंट में जमा हुई, वह कन्नौज के एक मदरसा समिति का निकला. इस खाते को 69 साल के एक मदरसा संचालक और उसके बेटे ने कमीशन पर साइबर ठगों को किराए पर दे रखा था. 

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अपराध निरोधक शाखा के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) राजेश त्रिपाठी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले से गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अली अहमद खान (69) और उसके बेटे असद अहमद खान (36) के रूप में हुई है. 

उन्होंने बताया कि अली अहमद खान, फलाह दारेन मदरसे की समिति का प्रबंधक है, जबकि असद अहमद खान समिति का सह प्रबंधक है.

त्रिपाठी ने बताया कि आरोपियों ने एक साइबर ठग गिरोह को मदरसा समिति के बैंक खाते 50 प्रतिशत कमीशन के आधार पर उपलब्ध कराए थे.

पुलिस उपायुक्त ने बताया कि अब तक मदरसा समिति के नौ बैंक खातों के जरिये करीब 1.50 करोड़ रुपये के लेन-देन के सुराग मिले हैं और इन खातों से लेन-देन पर रोक लगवाई जा रही है.

डीसीपी ने बताया कि आरोपियों से विस्तृत पूछताछ की जा रही है. 'डिजिटल अरेस्ट' साइबर ठगी का एक नया तरीका है. हालांकि, 'डिजिटल अरेस्ट' जैसी किसी प्रक्रिया का हकीकत में कोई कानूनी वजूद नहीं होता. ऐसे मामलों में ठग खुद को कानून प्रवर्तन अधिकारी बताकर लोगों को ऑडियो या वीडियो कॉल करके डराते हैं और उन्हें गिरफ्तारी का झांसा देकर उनके ही घर में डिजिटल तौर पर बंधक बना लेते हैं.

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