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कूनो नेशनल पार्क में बीमारी से नहीं इस बार लड़ाई से तीसरे चीते की मौत

मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में तीसरे चीते की मौत हो गई है. इस बार मादा चीता दक्षा ने दम तोड़ा है. हालांकि दक्षा की मौत बीमारी से नहीं बल्कि लड़ाई से हुई है. रिपोर्ट के मुताबिक उसकी लड़ाई अन्य चीतों से हो गई जिसमें धीरा की मौत हो गई. इससे पहले बीमार पड़ने से उदय नाम के चीते की जान चली गई थी.

कूनो नेशनल पार्क में तीसरे चीते की मौत कूनो नेशनल पार्क में तीसरे चीते की मौत
खेमराज दुबे/अशोक सिंघल
  • श्योपुर,
  • 09 मई 2023,
  • अपडेटेड 9:20 PM IST

मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में विदेश से लाए गए एक और चीते की मौत हो गई है. मादा चीता दक्षा ने दम तोड़ दिया. हालांकि उसकी मौत का कारण बीमारी नहीं बल्कि अन्य चीतों से लड़ाई है.

अफ्रीका से आए चीता दक्षा का कूनो राष्ट्रीय उद्यान के अंदर अन्य चीतों से लड़ाई हो गई थी. रिपोर्ट के मुताबिक नर चीता फिंडा, वायु और अग्नि से मादा चीता दक्षा और धीरा की भिड़ंत हुई थी. इसी में दक्षा की मौत हो गई. दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से लाए गए ये तीसरे चीते की मौत है. इसकी पुष्टि पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ जसवीर सिंह चौहान ने की है. 

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कैसे हुए दक्षा की मौत

जानकारी के अनुसार कूनो नेशनल पार्क के बड़े बाड़ों में 11 साउथ अफ्रीकी और 4 नामीबियाई चीतों को रखा गया हैं जिन्हें जल्द ही खुले जंगल में छोड़ने को लेकर रणनीति बनाई जा रही थी. 

खुले जंगल में जाने से पूर्व ही कूनो प्रबंधन इन नर और मादा चीतो की मेटिंग (प्रजनन) कराने की कोशिश में लगा हुआ था. इसी काम के लिए मंगलवार को बड़े बाड़े में साउथ अफ्रीकी दो चीतों को मादा चीता के पास छोड़ा गया था.

कूनो अधिकारी उनकी मेटिंग की बाट जोहते रहे लेकिन इसी बीच मेटिंग की जद्दोजहद करते हुए दोनों नर चीता मादा चीता दक्षा पर हावी हो गए. इसी दौरान उनके बीच लड़ाई हो गई. थोडी देर बाद जैसे ही नर चीतों को अलग किया गया और मादा चीता की वेटनरी चिकित्सकों ने जांच की तो दक्षा की मौत हो चुकी थी.
 

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इससे पहले हुई थी उदय की मौत

इससे पहले कूनो नेशनल पार्क में उदय नाम के चीते की मौत हो गई थी. उसे दक्षिण अफ्रीका से कूनो लाया गया था. सबसे पहले मादा चीता शासा की मौत हुई थी. शासा की मौत स्वास्थ्य में गड़बड़ी के कारण हुई थी.

बता दें कि नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से कूनो नेशनल पार्क में 20 चीते लाए गए थे जिसमें अब 17 बचे हैं. अप्रैल महीने में क्वारंटाइन पीरियड पूरा होने के बाद अफ्रीकी चीतों को बडे़ बाडे़ से खुले जंगल में रिलीज कर दिया गया था. 

साउथ अफ्रीका से बीते 18 फरवरी को कूनो लाए गए 12 चीतों में से तीन नर चीतों को 17 अप्रैल को क्वारंटीन बाडे़ से बड़े बाडे़ में छोड़ दिया गया था. वहीं 18 अप्रैल और 19 अप्रैल को शेष 9 चीतों को भी कूनो के बड़े बाडे़ में रिलीज कर दिया गया था.     

  

बड़े बाड़े में रह रहे हैं चीते

बड़े बाडे़ में छोड़े गए चीते वहां खुद शिकार कर रहे थे. बडे़ बाडे़ में चीतल, जैकाल, खरगोश, हिरण और अन्य वन्य प्राणी भरपूर संख्या में हैं. चीता प्रोजेक्ट चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ रहा है. नामीबियाई चीतों को सफलतापूर्वक कूनो पार्क में बसाया जा चुका है. वर्तमान में चार चीतों को खुले जंगल में छोड़ दिया गया है. 

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वहीं शेष नामीबियाई चीते बडे़ बाडे़ में मौजूद हैं. डीएएचडी (डिपार्टमेंट ऑफ एनिमल हस्बेंड्री एंड डेयरी) की अनुमति मिलने के बाद वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर बीते दो दिनों में साउथ अफ्रीका से लाए गए सभी 12 चीतों को बड़े बाड़े में शिफ्ट कर दिया गया है.
 

 

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