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रिहायशी इलाके में घुसने से पहले चीता 'आशा' का रेस्क्यू, बॉर्डर क्रॉस कर UP में घुसने की थी आशंका

Kuno National Park: मादा चीता आशा कूनो के खुले जंगल में छोड़े जाने के बाद यूं तो तीन दफा पार्क की सीमा लांघकर बाहर निकल चुकी थी. लेकिन दूर-दूर के जंगलों की तफरीह कर खुद ही वापस पार्क लौट आई. लेकिन इस बार 19 मई को कूनो नेशनल पार्क से बाहर निकली आशा 17-18 दिन तो शिवपुरी जिले की सीमा में रही, फिर वह अशोकनगर की ओर बढ़ गई.

चीता आशा का वन विभाग ने किया रेस्क्यू. (फाइल फोटो) चीता आशा का वन विभाग ने किया रेस्क्यू. (फाइल फोटो)
खेमराज दुबे
  • श्योपुर ,
  • 12 जून 2023,
  • अपडेटेड 1:04 PM IST

MP News: श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क से भागी मादा चीता आशा को शिवपुरी-अशोकनगर की सीमा के पास स्थित ईसागढ़ से ट्रेंकुलाइज कर वापस लाया गया है. आशा 19 मई से कूनो नेशनल पार्क से बाहर निकली थी. पहले प्रबंधन और मॉनिटरिंग टीम चीता आशा के खुद ही वापस लौटने का इंतजार कर रहे थे लेकिन आशा माधव नेशनल पार्क में कई दिन रहने के बाद आगे बढ़ते हुए अशोकनगर तक जा पहुंची. जहां उसके यूपी बॉर्डर और रिहायशी इलाके में घुसने की आशंका थी. यही वजह है कि वन विभाग को रेस्क्यू करना पड़ा.

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मादा चीता आशा कूनो के खुले जंगल में छोड़े जाने के बाद यूं तो तीन दफा पार्क की सीमा लांघकर बाहर निकल चुकी थी. लेकिन दूर-दूर के जंगलों की तफरीह कर खुद ही वापस पार्क लौट आई. इस बार 19 मई को कूनो नेशनल पार्क से बाहर निकली. आशा यहां से जाने के बाद करीब 17-18 दिन तो शिवपुरी जिले की सीमा में रही, फिर वह शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क को पार करते हुए अशोकनगर की ओर बढ़ गई. 

पिछले कुछ दिन से यह अशोकनगर जिले के ईसागढ़ के पास के जंगल में छिपी हुई थी. आगे आबादी क्षेत्र होने से पार्क के अधिकारियों ने इसको पकड़कर लाना तय किया और सीनियर्स से बातचीत के बाद इसको शनिवार को ट्रेंकुलाइज करने का प्रयास किया गया, पर सफलता नहीं मिली.

रविवार की सुबह पार्क के डॉ. सनत, डॉ. ओंकार अंचल, डॉ. जितेंद्र जाटव और सीसीएफ उत्तम कुमार शर्मा शिवपुरी सामान्य वन मंडल की टीम कॉलर आईडी से ट्रेस करते हुए आशा के पास पहुंची. ईसागढ़ के पास देवकानी मंदिर वाले इलाके में वन कर्मियों ने घेरा बनाए रखा. सुबह टीम ने प्रयास किया लेकिन गन का निशाना चूकने की वजह से सफल नहीं हो सके.

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इसके बाद टीम ने रविवार की देर शाम फिर से प्रयास किया तो विशेषज्ञों ने नजदीक पहुंचकर विशेष एयर गन से इंजेक्शन का निशाना लगाया. तो मादा चीता छटपटाने के बाद बेहोश हो गई. फिर उसकी आंखों पर पट्टी बांधकर उसे केज में रख कूनो पार्क लाया गया. जहां देर रात उसे पार्क की ओपन रेंज में रिलीज कर दिया गया.

कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ प्रकाश कुमार वर्मा ने बताया कि आशा को शिवपुरी-अशोकनगर की बॉर्डर से प्रोटोकॉल का पालन करते हुए ट्रेंकुलाइज कर वापस कूनो लाया गया है. आशा शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क से भी आगे निकलकर अशोकनगर जिले के आबादी क्षेत्र के करीब जा पहुंची थी. अब उसे वापस कूनो पार्क के पालपुर रेंज में रिलीज कर दिया गया है. 

यहां बता दें कि इससे पहले दो बार कूनो पार्क से बाहर गए चीता पवन (ओबान) को भी शिवपुरी के आगे यूपी बॉर्डर के पास ट्रेंकुलाइज कर वापस कुनो लाया जा चुका है. बार-बार कूनो की सीमा पार कर बाहर निकलने की वजह से उसे अब बड़े-बाड़े में ही रखा गया है. मादा चीता आशा भी कई बार कूनो से बाहर जा चुकी है. हालांकि, उसे पहली बार ट्रेंकुलाइज किया गया है.

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