
मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने जोशीमठ आपदा पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि पावर माफिया जोशीमठ आपदा के लिए जिम्मेदार है. इसी के साथ उन्होंने मांग की कि उत्तराखंड के पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले सभी पॉवर प्रोजेक्ट तत्काल रद्द किए जाएं.
उमा भारती ने कहा, ''इस देश में 3 बड़े माफिया हैं. खनन माफिया, शराब माफिया और पॉवर माफिया. ये तीनों देश को दैत्य की तरह निगल रहे हैं. पर्यावरणविदों को मैनेज करके ऐसे प्रोजेक्टों की स्वीकृति ले ली जाती है. जोशीमठ की घटना उसी का परिणाम है. उत्तराखंड के सभी पॉवर प्रोजेक्ट को तत्काल बंद कर देना चाहिए. गंगा और उसकी सहायक नदियों पर किसी भी पावर प्रोजेक्ट को मंजूरी नहीं दी जानी चाहिए.''
आपको बता दें कि उमा भारती नमामि गंगे प्रोजेक्ट की मंत्री रह चुकी हैं. उमा भारती ने कहा कि जब वह केंद्रीय मंत्री थीं, तो उन्होंने कहा था कि गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों के किनारों पर बड़े पावर प्रोजेक्ट नहीं लगाए जाने चाहिए. लगाने ही हैं तो 5 से 10 मेगावाट की छोटी परियोजनाएं लगाएं. इससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा. लेकिन यहां अंधाधुंध परियोजनाएं लगा दी गईं.
गौरतलब है कि जोशीमठ में बड़ा खतरा मंडरा रहा है. जमीन में दरारें आने की वजह से 600 से ज्यादा घर तबाही के कगार पर खड़े हैं. डेंजर जोन में आने वाले इन घरों के लोगों को वहां से निकलने के लिए कहा गया है. इस बीच विशेषज्ञ ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही इस पर कुछ नहीं किया गया तो बड़ी तबाही आ सकती है.
उधर, जोशीमठ में भू-धंसाव मामले पर पीएमओ की बैठक में प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव ने स्थिति की समीक्षा की. इसमें उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने जोशीमठ मामले पर पीएमओ को दी जानकारी. बताया कि भू-धंसाव से प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. पीएमओ की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जोशीमठ मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चिंतित हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से स्थिति का जायजा लिया है और हर संभव मदद का भरोसा दिया है.
विशेषज्ञों की टीम करेगी रिपोर्ट पेश
बैठक में बताया गया कि केंद्र सरकार की एजेंसियां और विशेषज्ञ लघु, मध्यम और दीर्घकालिक योजना तैयार करने में राज्य सरकार की सहायता कर रहे हैं. एनडीआरएफ की एक टीम और एसडीआरएफ की चार टीमें पहले ही जोशीमठ पहुंच चुकी हैं. सचिव सीमा प्रबंधन और एनडीएमए के सदस्य कल (9 जनवरी को) उत्तराखंड का दौरा करेंगे और स्थिति का जायजा लेंगे. इसमें राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, आईआईटी रुड़की, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी और सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञों की टीम हालात का जायजा लेकर रिपोर्ट पेश करेगी.
603 मकानों में आई दरारें
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा बताया गया है कि अब तक 603 मकानों में दरारें आई हैं. इससे प्रभावित 68 परिवारों को अब तक निकाला गया है. हालांकि, सचिव आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि 88 परिवारों को सुरक्षित निकाल लिया गया है.