
मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा फिर चर्चा में है. कांग्रेस के बड़े नेता रामनिवास रावत के आने के बाद BJP में पैदा हुई कलह एक बार फिर खुलकर सामने आ गई. मौका था- गुरुवार को कराहल में आयोजित तेंदूपत्ता बोनस वितरण के कार्यक्रम का.
मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के सामने BJP के पूर्व विधायक सीताराम आदिवासी ने वनमंत्री रामनिवास रावत को नसीहत देते हुए कहा, आप चुनाव में जीतने की चिंता मत करो, लेकिन अपने समाज को लोगों को भी समझाकर रखना कि वे लड़ाई-झगड़ा न करें. आजकल आदिवासी भी जागरूक हैं. किसी के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए. मंच पर ही सीताराम के हावभाव देखकर सभी सन्न रह गए. हालांकि, बाद में वनमंत्री रावत ने आश्वासन दिया कि मैं किसी के साथ भेदभाव नहीं करूंगा.
कार्यक्रम में अपने संबोधन की बारी आई तो पूर्व विधायक सीताराम आदिवासी का दर्द झलक उठा. हालांकि, उन्होंने कहा कि भाजपा में मुझे काफी कुछ दिया है और विधायक बनाया है. साथ ही आगे भी कोई आदिवासी विधायक बन सकता है. लेकिन उन्होंने कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए वनमंत्री रामनिवास रावत पर तंज कसते हुए कहा कि जब वे कांग्रेस में थे तब सभी को भूल गए, लेकिन अब हमारी सरकार में वे अच्छा काम करेंगे.
इस दौरान सीताराम ने कहा, मैं सीधी बात कहता हूं. रामनिवास से मेरा कहना है कि कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए. कोई जातिवाद नहीं होना चाहिए. सभी को एक निगाह से देखना चाहिए ताकि हमारी सरकारी की बदमानी न होवे. मैं रामनिवास से कहना चाहता हूं कि आप भी अपने समाज के लोगों को समझा लीजिए कि कोई लड़ाई झगड़ा न करें. मैं सीधी बात कहता हूं. मैं कोई से नहीं डरता हूं. ऐसा नहीं चलेगा, आजकल सब जागरूक है. आदिवासी भी जागरूक हैं. लड़ने को सब तैयार हैं. आप भी आपकी समाज को डांटकर रखें. हां, आप चुनाव की चिंता न करें. हम आपको जिताएंगे.
इसके बाद वनमंत्री रामनिवास रावत ने कहा, सीताराम जी ने जो कुछ बात कही है. उसको लेकर मैं विश्वास दिलाता हूं. मुझे पद किसी एक समाज की वजह से नहीं, बल्कि सभी की वजह से मिला है. मैं आज मंच के सामने संकल्प लेता हूं कि मैं किसी को साथ कोई भेदभाव नहीं करूंगा और बिना किसी भेदभाव के सभी की सेवा करूंगा.
बता दें कि वन एवं पर्यावरण मंत्री रामनिवास रावत के बीजेपी में आने से पूर्व बीजेपी विधायक सीताराम आदिवासी बहुत खुश नहीं हैं. यह बात कई दफा सामने आ गई है. आदिवासी पिछले दिनों टिकट की दावेदारी करके भी यह बता चुके हैं कि वह दावेदार हैं. हालांकि, उन्हें पिछले दिनों संगठन स्तर पर समझाइश दी गई है. जिसके बाद उन्होंने विजयपुर से टिकट का राग तो छोड़ दिया है, लेकिन रामनिवास राक्त को वह भाजपा में पचा नहीं पा रहे हैं और पहले टिकट मांगकर तो अब मंच पर उन पर जातिवादी के आरोप लगाकर उनकी मुसीबत बढ़ाने का काम किया है.