VIDEO : यहां बकरियों के साथ बकरे भी देते हैं दूध, MP से सामने आया चौंकाने वाला मामला

राजस्थानी नस्ल के बकरे हर रोज 250 ग्राम दूध दे रहे हैं. इन बकरों की कीमत लाखों में है. बकरों को देखने के लिए दूर-दूर से लोग सिर ताज फॉर्म हाउस पहुंच रहे हैं. फॉर्म हाउस को को एक इंजीनियर चला रहा है. मामला मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले का है. बकरों के दूध देने के कई वीडियो भी हैं.

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बुरहानपुर में बकरे दे रहे दूध. बुरहानपुर में बकरे दे रहे दूध.

अशोक सोनी

  • बुरहानपुर,
  • 16 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 8:07 PM IST

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बुरहानपुर (Burhanpur) जिले के एक फॉर्म हाउस में चार बकरे दूध (He Goat Gives Milk) दे रहे हैं. जब से यह बात इलाके जिले में फैली है, फॉर्म हाउस पर बकरों को देखने के लिए कई लोग पहुंच रहे हैं. इन बकरों की कीमत लाखों में है. सभी राजस्थानी नस्ल के हैं.

लोग कहते हैं हमने बकरियों को दूध देते खूब देखा. उनका दूध भी पिया है. मगर, बकरे भी दूध देते हैं, यह देखना किसी चमत्कार से कम नहीं है. वहीं, जानवरों के डॉक्टर का कहना है कि कई बार हार्मोनल चेंज के कारण ऐसे मामले सामने आते हैं.

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देखें वीडियो...

 

चार लाख रुपए तक है बकरों की कीमत 

जानकारी के अनुसार, बुरहानपुर जिले में पेशे से इंजीनियर रहे तुषार अब सिर ताज नाम का फॉर्म हाउस चलाते हैं. उनके फॉर्म हाउस में सैंकड़ों बकरियां और बकरे हैं. उन्हींं बकरों में चार ऐसे भी हैं जो बकरियों की तरह दूध देते हैं. राजस्थानी नस्ल के इन बकरों की कीमत 50 हजार रुपए से लेकर चार लाख रुपए तक है. 

बकरे दे रहे दूध.

तुषार बताते हैं कि अमूमन बकरों का शरीर बड़ा होता है. मगर, इन बकरों की शारीरिक बनाकर भी बकरियों जैसी ही है. फॉर्म हाउस में पंजाब, अहमदाबाद, राजस्थान, जयपुर, हैदराबाद अफ्रीकन बोर, चंबल नस्ल के बकरे पाले जा रहे हैं. अब फॉर्म हाउस में जो भी आता है, पहले यही कहता है कि दूध देने वाले बकरों को दिखाओ.

गुप्तांग की जगह हैं थन

बकरों की बनावट बकरियों जैसी है. उनके गुप्तांग पर बकरियों की तरह दो थन हैं. सभी बकरे हर रोज 250 ग्राम दूध देते हैं. इन बकरों का खास ख्याल रखा जाता है. बकरों को अच्छी डाइट दी जाती है.

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बकरी पालने के शौक के चलते छोड़ी नौकरी

डॉ. तुषार ने बताया कि उन्हें शुरू से ही बकरी पालने का शौक रहा है. स्कूली पढ़ाई खत्म करने के बाद उन्होंने इंजीनियरिंग पूरी की. इसके बाद नौकरी करने लगे. फिर उन्होंने नौकरी छोड़कर बकरी पालने का प्लान बनाया. फॉर्म हाउस खोलकर काम शुरू कर दिया. यहां कई नस्लों के बकरे पाले जा रहे हैं. इनमें से कई बकरों की कीमत लाखों में है.

उन्होंने आगे बताया कि बुरहानपर के युवाओं को बकरी पालन आकर्षित कर रहा है. जो भी फॉर्म हाउस खोलने या छोटे स्तर पर भी बकरी पालन का काम करने के लिए उनके पास आता है. उन लोगों को हर तरीके की जानकरी दी जाती है.

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