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Guna Bus Accident: जिस बस से हुआ हादसा उसका चेसिस नंबर निकला फर्जी, मालिक के खिलाफ धोखाधड़ी का केस; अब जमानत होगी निरस्त

Guna Bus Accident: हादसे के बाद बस मालिक भानुप्रताप सिंह सिकरवार ने जली हुई दुर्घनाग्रस्त बस की जगह दूसरी बस के फिटनेस दस्तावेज के आधार पर कोर्ट से जमानत भी ले ली थी. बस के फर्जी चेसिस नंबर के खुलासे के बाद अब पुलिस दोबारा सक्रिय हो गई है.

सिकरवार ट्रैवल्स की यात्री बस का चेसिस नंबर फर्जी पाया गया है. सिकरवार ट्रैवल्स की यात्री बस का चेसिस नंबर फर्जी पाया गया है.
विकास दीक्षित
  • गुना ,
  • 30 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 9:29 AM IST

मध्य प्रदेश के गुना जिले में 27 दिसंबर को हुए भीषण बस हादसे के मामले में एक नया मोड़ आ गया है. जिस यात्री बस से हादसा हुआ था उसका चेसिस नंबर भी फर्जी पाया गया है. सिकरवार ट्रैवल्स की यात्री बस (MP08 P 0199) का चेसिस नंबर फर्जी पाया गया है. 

परिवहन विभाग की वेबसाइट पर यात्री बस MP08 P 0199 का चेसिस नंबर 386515ERZ815296 दर्ज है. जबकि जली हुई बस का चेसिस नंबर U035RZ613834 है. बस का रजिस्ट्रेशन 2 सितंबर 2018 में हुआ था, जिसके बाद 2018 में बस का मालिकाना हक बदल गया था. 

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यानी कि जिस वक्त परिवहन विभाग की लापरवाही के कारण बस का चेसिस नंबर चेक किये बिना ही रजिस्ट्रेशन कर दिया गया. फर्जी चेसिस नंबर, बिना परमिट व बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के आधार पर सिकरवार ट्रैवल्स की यात्री बस धड़ल्ले से सड़क पर दौड़ रही थी.

बस हादसे में मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा जांच कमेटी का गठन किया गया था लेकिन जांच कमेटी द्वारा गलत चेसिस नंबर का उल्लेख रिपोर्ट में नहीं किया गया था. क्योंकि जांच कमेटी में परिवहन विभाग के किसी भी अधिकारी को नहीं जोड़ा गया था.

हादसे के बाद बस मालिक भानुप्रताप सिंह सिकरवार ने जली हुई दुर्घनाग्रस्त बस की जगह दूसरी बस के फिटनेस दस्तावेज के आधार पर कोर्ट से जमानत भी ले ली थी. बस के फर्जी चेसिस नंबर के खुलासे के बाद अब पुलिस दोबारा सक्रिय हो गई है.

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इस मामले में आरोपी बस मालिक भानुप्रताप सिंह सिकरवार के खिलाफ धोखाधड़ी की धारा IPC 420,467,468,472 के तहत बजरंगढ़ थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. पूर्व में IPC की धारा 279,304,308 एवं मोटर व्हीकल एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था.  कोर्ट से आरोपी की जमानत निरस्त कराने के लिए भी पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है. 

हादसे में बस और डंपर के ड्राइवरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. हालांकि हादसे में दोनों ही ड्राइवरों की मौत हो चुकी है. 13 यात्रियों की जलने से मौत हो गई थी. यात्रियों के परिजनों से मिलने व घायलों के हालचाल जानने के लिए मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव भी गुना पहुंचे थे.

मुख्यमंत्री ने तत्काल 4 सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया था जिसने हादसे की रिपोर्ट मुख्यमंत्री के समक्ष पेश की थी. बस हादसे की वजह से कलेक्टर तरुण राठी व पुलिस अधीक्षक विजय खत्री का तबादला किया गया था. ट्रांसपोर्ट कमिश्नर, जिला परिवहन अधिकारी, डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ,सीएमओ नगरपालिका का भी तबादला किया गया था. 

बस हादसे में मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया था. वहीं, घायलों को 50-50 हजार की राशि दी गई थी. हालांकि, हादसे में मृत हुए यात्रियों के परिजनों को अब तक बीमा क्लेम नहीं मिल पाया है.

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