
मध्यप्रदेश के कई इलाकों में तेज बारिश का दौर लगातार जारी है. राजधानी भोपाल और आसापास के जिलों में लगातार बारिश के चलते लोगो को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. नदी-नाले उफान मार रहे हैं जिसके चलते डेमों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. डेमो को ओवरफ्लो से रोकने के लिए उनके गेट खोले जा रहे हैं. सोमवार को भोपाल के कलियासोत डैम के आठवीं बार गेट खोले गए हैं.
भोपाल, इंदौर सहित नर्मदापुरम संभाग के जिलों में आने वाले दो दिन तक भारी बारिश के होने की बात मौसम विभाग कह रहा है. राजधानी भोपाल में में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 1 जून से लेकर 15 अगस्त तक लगभग दोगुनी वर्षा हो चुकी है. जहाँ पिछले वर्ष 1 जून से लेकर 15 अगस्त तक 1570mm बारिश हुई. इस बार 2971mm बारिश हो चुकी है. जिसमे पिछली बार इसी दौरान 523 mm औसत वर्षा हुई थी वही इस बार इसी दौरान 990 mm औसत बारिश हुई है.
कलियासोत डैम के आठवीं बार खोले गए गेट
सोमवार को भोपाल के कलियासोत डैम के 13 में से 10 गेट खोले गए. बारिश होने और जलस्तर लगातार बढ़ने की संभावना के चलते रात तक सभी गेट खोले जाने की संभावना है. ज्यादा बारिश के चलते इस सीजन में यह आठवीं बार है कि कलियासोत डैम के गेट खोले गए हों. वहीं भदभदा के भी 7 गेट खोल पानी छोड़ा गया है. भोपाल के ही डैम हथाईखेड़ा के आज 6 गेट खोले गए. डेम से पानी छोड़े जाने से पहले सूचना जारी की जाती है. लोगों से निचले इलाकों को खाली कराए जाते हैं. लोग पानी में ना फंसे इलके लिए भोपाल नगर निगम की टीमें निचले इलाकों में नजर बनाए रखती हैं.
ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी
मौसम विभाग के अनुसार इंदौर, उज्जैन और नर्मदापुरम संभाग में कहीं भारी से अति भारी वर्षा तथा कहीं अत्यधिक भारी बारिश होने की चेतावनी दी है. मौसम विभाग में इन जगहों को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. वहीं जबलपुर,शहडोल, सागर और भोपाल संभाग के जिले में भारी से अति वर्षा की संभावना जताई है. सागर,रीवा,चंबल एवं ग्वालियर संभाग में गरज के साथ बिजली चमकने और बिजली गिरने चेतावनी देते हुए इन जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है.
मौसम वैज्ञानिक एचएस पांडे के अनुसार, पूरे प्रदेश में बारिश होने की प्रबल संभावना बनी हुई है. इसके पीछे का कारण प्रदेश के ऊपर से एक 'अवदाब' जिसे हम 'डिप्रेशन' कहते हैं गुज़र रहा है. मॉनसून द्रोणिका लाइन भी गुना और सागर होते हुए गुज़र रही है. वर्तमान में अवदाब की जो स्थिति है वो लगभग सागर के आस पास नॉर्थ ईस्ट में है. इसके कारण पूरे प्रदेश में बारिश होने की संभावना बनी हुई है. इन जिलों में 4mm से लेकर 200 MM तक बारिश हो सकती है. धीरे-धीरे ये डिप्रेशन नॉर्थ-वेस्ट की ओर बढ़ेगा और उसके बाद सिस्टम कमज़ोर हो जाएगा. उम्मीद करते हैं कि परसों के बाद बारिश की एक्टिविटी में कमी होगी.
( रिपोर्ट- इजहार हसन )