Advertisement

MP: नागपंचमी पर विदिशा के बीजामंडल में हिंदुओं को पूजा की इजाजत नहीं, कलेक्टर ने दिया ASI के 'मस्जिद' नोटिफिकेशन का हवाला

MP News: एएसआई की ओर से बीजामंडल को मस्जिद बताए जाने से हिंदुओं की भावनाएं आहत हुई हैं. हिंदू संगठनों का दावा है कि 1682 में मुगल शाक औरंगजेब ने विजय मंदिर को मस्जिद में बदल दिया था. 

 बीजामंडल में हिंदू नहीं कर पाएंगे पूजा. बीजामंडल में हिंदू नहीं कर पाएंगे पूजा.
aajtak.in
  • विदिशा,
  • 09 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 11:59 AM IST

मध्य प्रदेश के विदिशा जिला प्रशासन ने 11वीं सदी के बीजामंडल (विजय मंदिर) को खोलने से इनकार कर दिया है. हिंदुओं ने नागपंचमी के अवसर पर पूजा-अर्चना करने के लिए बीजामंडल को खोलने की मांग की थी. 

दरअसल, हिंदुओं के एक समूह ने कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैद्य को ज्ञापन सौंपकर नागपंचमी के अवसर पर शहर के बीचों-बीच स्थित इस स्थल को खोलने का अनुरोध किया था. इसके बाद कलेक्टर ने उनकी याचिका भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी एएसआई को भेज दी. जिसने 2 अगस्त को 1951 के गजट अधिसूचना का हवाला देते हुए कहा कि बीजामंडल मंदिर नहीं, बल्कि मस्जिद थी.

Advertisement

कलेक्टर वैद्य ने बताया कि एएसआई इस ढांचे का संरक्षक है, इसलिए उन्होंने मामले पर निर्णय लेने के लिए ज्ञापन भेजा था.  

ज्ञापन सौंपने वाले हिंदू समूह के नेता शुभम वर्मा ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा, हम पिछले 30 वर्षों से नागपंचमी पर वहां (ढांचे के बाहर) पूजा करते आ रहे हैं, लेकिन किसी ने यह नहीं कहा कि यह मंदिर नहीं, बल्कि मस्जिद है." 

यह भी पढ़ें: विदिशा: नई संसद की तरह हूबहू दिखता है ये मंदिर, "विदिशा: नई संसद की तरह हूबहू दिखता है ये मंदिर, औरंगजेब ने तोप से बरसाए थे गोले

शुभम वर्मा ने कलेक्टर के पत्र और एएसआई के गजट नोटिफिकेशन को दिखाते हुए कहा कि एएसआई द्वारा इसे मस्जिद बताए जाने से हिंदुओं की भावनाएं आहत हुई हैं. हिंदू संगठनों का दावा है कि 1682 में मुगल शासक औरंगजेब ने विजय मंदिर को मस्जिद में बदल दिया था. 

Advertisement

हालांकि, अब धार्मिक स्थल के बाहर ही नाग पंचमी पर शाम के समय करीब 50 पुलिस कर्मियों के पहरे में पूजा-अर्चना होगी. इसके लिए पुलिस प्रशासन ने इंतजामात कर लिए हैं. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement