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'पिता कुवैत से आ जाएं तो हमारा खून दिखा देना...' उज्जैन में भाई-बहन के सुसाइड केस में नया खुलासा

मध्य प्रदेश के उज्जैन (Ujjain) में बेहद सनसनीखेज और दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. यहां बीते दिनों भाई-बहन ने नस काटकर सुसाइड कर लिया था. पुलिस का कहना है कि दोनों के पिता साल 2003 से कुवैत में रहते हैं. दोनों बच्चे और मां इस बात से परेशान थे कि पिता उन्हें क्लोजनेस नहीं दे पाए.

घटना की जांच करने पहुंची पुलिस. घटना की जांच करने पहुंची पुलिस.
संदीप कुलश्रेष्ठ
  • उज्जैन,
  • 03 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 11:05 AM IST

MP News: उज्जैन के जीवाजीगंज क्षेत्र में बीते दिनों भाई बहन की डेड बॉडी घर में मिलने से सनसनी फैल गई थी. दोनों की मौत के मामले में पुलिस की जांच में नया खुलासा हुआ है. बेटा-बेटी की मौत के मामले में दोनों के माता-पिता पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगा है. पुलिस का कहना है कि मां भी आत्महत्या करना चाहती थी, लेकिन पिता को बच्चों का ब्लड दिखाने के लिए उसने ऐसा नहीं किया. वह ब्लड फ्रिज में रखकर स्कूल पढ़ाने चली गई थी.

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दरअसल, ये पूरा घटनाक्रम 29 मार्च शुक्रवार शाम करीब 6 बजे का है. जीवाजीगंज पुलिस को सूचना मिली थी कि केडी गेट के पास सैफी मोहल्ले में 29 साल के युवक ताहिर और 15 साल की बच्ची जेहरा की डेड बॉडी मिली है. दोनों ने आत्महत्या की है. इस सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और जायजा लिया.

पुलिस ने देखा तो दोनों के हाथ की नस कटी हुई थी. इसी के साथ कमरे में रखे फ्रिज में ब्लड रखा था. इसके बाद पुलिस ने हत्या-आत्महत्या के एंगल से जांच शुरू की. पता चला कि मृतकों के पिता सादिक हुसैन कुवैत में रहते हैं. पुलिस को मौके से सुसाइड नोट भी मिला, जिसमें लिखा था- 'माता-पिता आप हमारा ध्यान नहीं रखते, इसलिए हम सुसाइड कर रहे हैं.' युवक आंखों की गंभीर बीमारी के कारण डिप्रेशन में था.

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पुलिस ने जब इस मामले में पूछताछ की तो पता चला कि बुधवार को कुवैत में रह रहे सादिक ने पत्नी के मोबाइल पर मैसेज किया था कि मेरे पास रुपये कम हैं और कर्ज ज्यादा है. मुझसे तुम लोग ज्यादा उम्मीद मत रखना. इस मैसेज से दुखी होकर मां फातिमा, बेटा ताहिर और बेटी जेहरा तीनों ने आत्महत्या करने का फैसला कर लिया, लेकिन मां को आत्महत्या के लिए बेटे और बेटी ने रोक दिया था. दोनों ने खुद सुसाइड कर लिया.

बेटे-बेटी के साथ मां भी आत्महत्या करना चाहती थी. पुलिस को मृतकों की मां फातिमा ने बताया कि पति साल 2003 से कुवैत में नौकरी कर रहे हैं. घर पर कई साल बाद आते थे. परिवार को कम समय देते थे और ध्यान नहीं रखते थे. पूरा परिवार आत्महत्या करना चाहता था.

फातिमा ने कहा कि मैं भी आत्महत्या करने वाली थी, लेकिन बच्चों ने रोक दिया था और कहा था कि हमारा खून आप पिता को दिखाना. इसी के बाद दोनों का ब्लड प्लास्टिक की थैली में भरकर फ्रिज में रख दिया था.

बेटे-बेटी ने आत्महत्या कर ली तो इसके बाद मां फातिमा स्कूल पढ़ाने चली गई थी. शाम को घर आकर उसने नाटक किया और कहा कि बच्चों ने आत्महत्या कर ली है. पुलिस का कहना है कि घर से जो सुसाइड नोट मिला था, वो भी मृतकों की मां ने ही लिखा था, लेकिन साइन दोनों बच्चों से करवा लिए थे.

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घटना को लेकर पुलिस अधीक्षक ने क्या बताया?

एसपी प्रदीप शर्मा ने कहा कि दो भाई बहनों ने कुछ दिन पहले आत्महत्या कर ली थी. भाई की उम्र करीब 29 साल है, बहन की उम्र करीब 15 साल है. इस मामले की पूरी तहकीकात की गई. यह मामला परिवार से जुड़ा होना पाया गया. इनके पिता 2003 से विदेश में नौकरी करते हैं. बहुत कम समय परिवार के लिए दे पाए थे.

इसी बात से बच्चे और मां क्षुब्ध थे. बेटा आंखों की गंभीर बीमारी से पीड़ित था, जिसकी वजह से उसको डिप्रेशन भी था, क्योंकि इलाज संभव नहीं था. इसलिए वह हीन भावना से ग्रसित था. इस केस में माता-पिता दोनों के खिलाफ धारा 306 और 305 के तहत केस दर्ज किया गया है.

सुसाइड नोट में बच्चों ने पिता के द्वारा परिवार की जिम्मेदारी नहीं संभालने का उल्लेख किया है. स्वाभाविक तौर पर पिता केवल पैसा भेजना अपनी जिम्मेदारी समझते थे. वह बच्चों को क्लोजनेस नहीं दे पाए.

मां यह जानती थी कि बच्चे इस तरह की घटना कर सकते हैं. यह जानते हुए भी वह नार्मल स्कूल टीचर का काम करती रही. यह एक वीभत्स घटना है. फ्रिज में ब्लड में रखा था. बच्चों का मां से कहना था कि यह के बाद खून इकट्ठा करके फ्रिज में रखें, जब पिता लौटकर आएं तो उन्हें दिखाएं, क्योंकि अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं कर पाए.

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