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इंदौर: ब्रेन डेड महिला का हाथ डोनेट किया गया, मुंबई की टीनएजर लड़की को लगेगा, MP में पहली बार हुआ ऐसा

इंदौर की रहने वाली विनीता खजांची को 13 जनवरी को अचानक ब्रेन संबंधी गंभीर समस्या के बाद एक निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. अस्पताल में खजांची की हालत बिगड़ती चली गई और 15 जनवरी को उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया. महिला के परिजनों ने त्वचा, आंखें, फेफड़े, लिवर और किडनी दान करने की सहमति दी.

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो
aajtak.in
  • इंदौर,
  • 17 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 10:20 AM IST

मध्यप्रदेश के इतिहास में पहली बार हाथों का डोनेट किया गया. एमपी के इंदौर में 52 साल की ब्रेन डेड महिला के हाथ प्रत्यारोपण के लिए मुंबई की 18 साल की युवती को डोनेट किए गए. स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए इसे राज्य का पहला केस बताया और अंगदान के क्षेत्र में क्रांति करार दिया. 

इंदौर की रहने वाली विनीता खजांची को 13 जनवरी को अचानक ब्रेन संबंधी गंभीर समस्या के बाद एक निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. अस्पताल में खजांची की हालत बिगड़ती चली गई और 15 जनवरी को उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया. महिला के परिजनों ने त्वचा, आंखें, फेफड़े, लिवर और किडनी दान करने की सहमति दी. 
 
इंदौर सोसायटी फॉर ऑर्गन डोनेशन के सचिव डॉ. संजय दीक्षित ने समाचार एजेंसी को बताया कि राज्य के इतिहास में पहली बार ब्रेन डेड व्यक्ति के हाथों का अंगदान किया गया. यह घटना अंगदान के क्षेत्र में एक क्रांति की तरह है. उन्होंने बताया कि विनीता खजांची का परिवार में शोक में डूबा था, इसके बावजूद उन्होंने महिला की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए अंगदान पर सहमति जताई. 
 
डॉ दीक्षित महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के डीन भी हैं. उन्होंने बताया कि खजांची के हाथों को स्पेशल फ्लाइट से मुंबई भेजा गया. मुंबई में इन हाथों को एक प्राइवेट हॉस्पिटल में प्रत्यारोपण के जरिये 18 साल की युवती के शरीर में लगाए जाएंगे. दीक्षित के मुताबिक, उन्हें बताया गया कि युवती के दोनों हाथ नहीं हैं. ऐसे में सर्जरी से उसे नई जिंदगी मिलने की उम्मीद है. 

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खजांची की दो बेटियां हैं और उनके पति सुनील खजांची ट्रांसपोर्ट कारोबार चलाते हैं. उनकी बड़ी बेटी निरीहा ने बताया, मेरी मां के दिल में लड़कियों के लिए हमेशा से प्रेम और हमदर्दी का खास स्थान रहा है. यह संयोग है कि मरणोपरांत अंगदान के बाद उनके दोनों हाथ 18 साल की लड़की के शरीर में लगने जा रहे हैं. 

अंगदान के लिए काम करने वाली गैर सरकारी संस्था मुस्कान ग्रुप के संदीपन आर्य ने बताया कि विनीता खजांची के दोनों फेफड़े विशेष उड़ान से चेन्नई भेजे गए और ये अंग वहां के एक निजी अस्पताल में जरूरतमंद मरीजों के शरीर में प्रत्यारोपित किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि लिवर और किडनी अलग अलग अस्पतालों में भर्ती मरीजों के शरीर का हिस्सा बनकर नई जिंदगी देंगे.

 

 

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