
मध्य प्रदेश की इंदौर पुलिस ने दो दिन की गहन तलाश के बाद एक अपहरण के मामले में चौंकाने वाला खुलासा किया है. पुलिस ने कपड़ा व्यापारी पवन जैन को तीन युवकों के चंगुल से आजाद कराया और तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. यह मामला ऑनलाइन गेम में पैसे लगाने और घाटे के बाद पैदा विवाद से जुड़ा हुआ है, जिसने अपहरण जैसी संगीन वारदात को जन्म दिया.
पुलिस के अनुसार, पवन जैन इंदौर में रहते हैं और कपड़े का व्यापार करते थे. कुछ समय पहले उनके व्यापार में भारी नुकसान हुआ, जिसके बाद वे ऑनलाइन गेम के जरिए पैसा कमाने की कोशिश में जुट गए. इस सिलसिले में वे अपने घर से जयपुर जाने की बात कहकर निकले थे. रास्ते में उनकी मुलाकात गजराज अहिरवार नामक व्यक्ति से हुई.
पवन ने गजराज को ऑनलाइन गेम में पैसा लगाकर मुनाफा कमाने की बात कही. गजराज ने 50 हजार रुपये लगाए, लेकिन वह राशि हार गया. इसके बाद गजराज ने अपने फूफा (दीवान अहिरवार) को भी इसमें शामिल किया और उनके जरिए भी पैसे लगवाए, जो हार गए. फिर दोनों ने शिवपुरी में बाबूलाल अहिरवार नामक एक अन्य व्यक्ति से भी पैसे लगवाए, लेकिन वह राशि भी डूब गई.
तीनों व्यक्तियों के पैसे डूबने के बाद उन्होंने पवन जैन पर दबाव बनाया और कहा, "हमारे पैसे वापस करो, वरना तुम्हें जाने नहीं देंगे." इसके बाद उन्होंने पवन को अपने पास बिठा लिया और उनकी पत्नी को फोन कर 3 लाख रुपए की फिरौती मांगी. आरोपियों ने पत्नी को एक बैंक खाता नंबर भेजकर कहा, "पैसे जमा करो, नहीं तो पवन को छोड़ेंगे नहीं."
पवन की पत्नी ने तुरंत एरोड्रम पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने केस दर्ज करने के बाद तत्काल कार्रवाई शुरू की और शिवपुरी के लिए रवाना हुई. वहां जाकर पुलिस ने पवन जैन को आरोपियों के चंगुल से मुक्त कराया और तीनों आरोपियों गजराज अहिरवार, दीवान अहिरवार और बाबूलाल अहिरवार को गिरफ्तार कर इंदौर लाया.
एरोड्रम थाना प्रभारी ने बताया, "यह मामला ऑनलाइन गेम में पैसे लगाने से जुड़ा है, जो भारत में पूरी तरह प्रतिबंधित है. लालच में आकर तीनों व्यक्तियों ने इसमें निवेश किया और हारने के बाद पवन जैन पर पैसे वापस करने का दबाव बनाया. इसके लिए उन्होंने अपहरण की साजिश रची और फिरौती मांगी."
पुलिस का कहना है कि मामले में अभी और भी जांच की जा रही है ताकि इस घोटाले के पूरे नेटवर्क का पता लगाया जा सके.
जोन-1 डीसीपी विनोद मीना ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है और पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या इस डेटिंग ऐप घोटाले में और लोग शामिल हैं. यह घटना डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अवैध निवेश के खतरों को उजागर करती है, जिसके प्रति लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है.