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IPL सट्टेबाजी में बड़ा खुलासा: रेलवे पुलिस ने अंतरराज्यीय गिरोह का किया भंडाफोड़, 5 गिरफ्तार

मध्य प्रदेश और दिल्ली में आईपीएल सट्टेबाजी के एक बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ है. रेलवे पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार किया है, जो ऑनलाइन सट्टेबाजी और फर्जी बैंक खातों के जरिए करोड़ों का लेन-देन कर रहे थे. आरोपी फर्जी बैंक खाते खोलकर सट्टे का पैसा जमा कर रहे थे. पुलिस ने एटीएम और सिम कार्ड जब्त किए हैं और अन्य आरोपियों की तलाश जारी है.

(प्रतिकात्क फोटो) (प्रतिकात्क फोटो)
aajtak.in
  • जबलपुर ,
  • 29 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 2:15 PM IST

मध्य प्रदेश और दिल्ली में आईपीएल क्रिकेट मैचों पर सट्टा लगाने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है. रेलवे पुलिस (GRP) ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो ऑनलाइन सट्टेबाजी और फर्जी बैंक खातों के जरिए लाखों रुपये का लेन-देन कर रहे थे. यह गिरोह फर्जी बैंक खाते खोलकर सट्टे का पैसा जमा करता था और फिर उसे अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करता था.

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इस मामले की शुरुआत एक शिकायत से हुई, जिसमें एक व्यक्ति ने आरोप लगाया कि शुभम लोधी नाम के व्यक्ति ने उसे सरकारी सहायता दिलाने के बहाने आधार और पैन कार्ड जमा करने को कहा. इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और गिरोह का पूरा नेटवर्क सामने आ गया.

गिरोह के पास से मिले कई फर्जी बैंक खाते

जबलपुर जीआरपी थाना प्रभारी बलराम यादव के अनुसार, जांच में पता चला कि गिरोह ने कुल 40 बैंक खाते खोल रखे थे. इन खातों में आईपीएल सट्टे का पैसा जमा किया जाता था. हर दिन 10,000 रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक के अवैध लेन-देन किए जाते थे.

पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारियां

पुलिस ने इस मामले में सबसे पहले शुभम लोधी और शुभम शर्मा को गिरफ्तार किया. दोनों आरोपी मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के रहने वाले हैं. उनकी पूछताछ से पुलिस को दिल्ली में बैठे संजीव अरोड़ा और जबलपुर के ऋषि कपूर व लखन ठाकुर तक पहुंचने में सफलता मिली.

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पुलिस ने क्या-क्या बरामद किया?

गिरफ्तार आरोपियों से कई बैंक खातों से जुड़े एटीएम कार्ड, मोबाइल फोन और सिम कार्ड बरामद किए गए हैं. पुलिस अभी इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में जुटी है.

आरोपियों पर लगे गंभीर धाराएं

पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 318 (4) (धोखाधड़ी) और 61 (2) (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया है. इस गिरोह का नेटवर्क कितना बड़ा था, इसकी जांच की जा रही है.

 

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