
मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष नरेंद्र तोमर ने कहा कि केंद्र सरकार के जल जीवन मिशन की प्रगति की राज्य स्तर पर समय-समय पर समीक्षा की जानी चाहिए. उनकी यह टिप्पणी कुछ विधायकों की ओर से चिंता व्यक्त करने के बाद आई है.
विपक्षी कांग्रेस ने जल जीवन मिशन परियोजना के चालू होने में कमियों को उजागर करने के बाद सदन से वॉकआउट किया. इस परियोजना का उद्देश्य सभी घरों को सुरक्षित और पर्याप्त पाइप पेयजल उपलब्ध कराना है.
स्पीकर नरेंद्र तोमर ने कहा कि जिला स्तर पर परियोजना की प्रगति की समीक्षा करने के अलावा राज्य स्तर पर इसकी निगरानी करने की जरूरत है, जिससे मध्य प्रदेश सरकार की छवि भी मजबूत होगी. प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक हरदीप सिंह डांग, डॉ. प्रभुराम चौधरी, रमेश प्रसाद खटीक, कालू सिंह ठाकुर, संजय पाठक और अंबरीश शर्मा ने जल जीवन मिशन के कार्यों में खामियों के साथ-साथ पाइपलाइन बिछाने के लिए सड़कों की खुदाई के कारण बारिश के दौरान नागरिकों को होने वाली समस्याओं की ओर इशारा किया.
विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने कहा कि इस मुद्दे की जांच होनी चाहिए क्योंकि यह पूरे सदन की चिंता है न कि केवल एक पार्टी की. जल जीवन मिशन परियोजना के मध्य प्रदेश में क्रियान्वयन पर सिंघार की गई कुछ टिप्पणियों को हटाए जाने के बाद कांग्रेस विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया.
कांग्रेस विधायकों के वापस लौटने के बाद विधायक अजय सिंह ने कहा कि चल रहे कार्य में भ्रष्टाचार की बू आ रही है और इसमें देरी हो रही है.
विधायी कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने अपने जवाब में कहा कि जिला कलेक्टरों को निर्देश दिया जाएगा कि वे समय-समय पर जनप्रतिनिधियों के साथ समीक्षा बैठकें आयोजित करें ताकि कमियों को दूर किया जा सके और समय पर काम पूरा हो सके. उन्होंने सदन को यह भी बताया कि शिकायतों की जांच करने और पहल को बढ़ावा देने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा जाएगा.