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बड़े काम का बुलडोजर: आलू की सब्जी बनाने में हो रहा इस्तेमाल, सीमेंट-कंक्रीट मिक्सर से बन रही बूंदी

MP News: कंस्ट्रक्शन में इस्तेमाल किए जाने वाला बुलडोजर इन दिनों अपराधियों के घर-दुकानों को तोड़ने-फोड़ने को लेकर चर्चा में बना रहता है. लेकिन अब इस 'पीले पंजे' का उपयोग मध्य प्रदेश में हनुमान जी के भक्तों के लिए प्रसाद तैयार करने में किया जा रहा है. पढ़िए दिलचस्प स्टोरी...

भंडारे में जेसीबी से लेकर सीमेंट कंक्रीट मिक्सर तक का इस्तेमाल. भंडारे में जेसीबी से लेकर सीमेंट कंक्रीट मिक्सर तक का इस्तेमाल.
हेमंत शर्मा
  • भिंड ,
  • 18 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 9:43 AM IST

मध्यप्रदेश अपनी अजब-गजब खबरों के लिए हमेशा सुर्खियों में बना रहता है. अब सूबे के प्रसिद्ध दंदरौआ धाम (भिंड जिला) में आयोजित विशाल भंडारे में इस्तेमाल हो रहे बुलडोजर की चर्चा है. इस भंडारे में जेसीबी मशीन से लेकर सीमेंट कंक्रीट मिक्सर तक का उपयोग किया जा रहा है. रोजाना लाखों लोग यहां भोजन खा रहे हैं. इस काम के लिए 700 हलवाई और करीब 10 हजार स्वयंसेवक लगे हुए हैं. 

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दरअसल, दंदरौआ धाम पर इन दिनों 'सियपिय' मिलन समारोह आयोजित किया गया है. इसके साथ ही बागेश्वर धाम के महाराज पंडित धीरेंद्र शास्त्री दंदरौआ धाम पर हनुमंत कथा सुना रहे हैं. इस आयोजन में प्रतिदिन पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए भंडारे की व्यवस्था भी की गई है. 

कड़ाहे से सब्जी को ट्रॉली में डालता बुलडोजर.

भंडारा इतना विशाल है कि जो भी देखता है, वह हैरान रह जाता है. इस भंडारे को तैयार करने के लिए 700 हलवाइयों की टीम लगी हुई है जो दिन रात भोजन पकाने का कार्य कर रही है. हलवाई में 450 पुरुष और 250 महिलाएं शामिल हैं. दिन और रात की 2 शिफ्ट में यहां हलवाई काम कर रहे हैं. 

सुबह की शुरुआत नाश्ते के साथ होती है. यहां प्रतिदिन 20 क्विंटल पोहा और 8 क्विंटल सूजी का उपयोग करते हुए सुबह का नाश्ता तैयार किया जा रहा है और यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं समेत यहां रह रहे अन्य लोगों को यह नाश्ता परोसा जा रहा है. 

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नाश्ते के बाद दोपहर के समय भंडारा शुरू हो जाता है. इस भंडारे में आलू की सब्जी, पूड़ी और मालपुआ परोसे जा रहे हैं. खास बात यह है कि भंडारा इतना विशाल है कि भंडारे में हलवाइयों को जेसीबी मशीन और सीमेंट कंक्रीट मिक्सर का उपयोग करना पड़ रहा है. 

प्रसाद तैयार करती हलवाइयों की टीम.

दंदरौआ धाम पर गंगा और जमुना नाम के दो बड़े कड़ाहे हैं. इन कढ़ाहों में एक बार में 20 क्विंटल आलू की सब्जी बन जाती है. इतने बड़े कढ़ाह में से सब्जी निकालकर ट्रॉली में भरने के लिए जेसीबी मशीन का सहारा लिया जा रहा है. जेसीबी मशीन की मदद से सब्जी को ट्रॉली में भरकर श्रद्धालुओं को परोसने के लिए भेजा जा रहा है. 

इतना ही नहीं, मालपुओं का घोल तैयार करने के लिए सीमेंट-कंक्रीट मिक्सर का उपयोग किया जा रहा है. साथ ही एक साथ 40 कढ़ाहियों पर भोजन तैयार किया जाता है. यहां प्रतिदिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. 

कार्यक्रम के आयोजक अशोक भारद्वाज ने बताया कि प्रसाद ग्रहण करने वाले जितने श्रद्धालु हैं, उन्हें भोजन परोसने के लिए 10000 स्वयंसेवक मौजूद हैं और लाखों में भी भोजन करने के लिए श्रद्धालु आएंगे तो परसने के लिए भी हजारों लोग मौजूद हैं. 

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