
कान्हा टाइगर रिजर्व से बाघिर सुंदरी को भोपाल के वन विहार में भेज दिया गया. बाघिन को कान्हा एवं पेंच टाइगर रिजर्व के वन्यप्राणी चिकित्सकों ने आवश्यक मेडिकल चेकअप किया. इसके बाद उसे वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट की निगरानी में स्पेशल वैन से भोपाल रवाना कर दिया गया.
दरअसल सतकोसिया टाइगर रिजर्व ओडिशा में बाघ स्थापना कार्यक्रम के अंतर्गत वर्ष 2018 में बांधवगढ़ से एक बाघिन को सतकोशिया भेजा गया था. बाघिन सुंदरी जंगल के बाहर निकल कर ग्रामीण क्षत्रों में जाने लगी. इस दौरान उसने दो लोगों पर हमला कर दिया. इस हमले में दोनों ग्रामीणों की मौत हो गई. बाघिन मवेशियों का भी शिकार करने लगी, जिससे ग्रामीण आक्रोशित हो गए.
भारत सरकार राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने नई दिल्ली द्वारा बाघ स्थापना कार्यक्रम की समीक्षा करने के बाद बाघिन को मध्य प्रदेश वापस करने फैसला लिया गया.
इस संबंध मे एक याचिका उच्च न्यायालय में दाखिल की गई थी. एस.के सिंह, क्षेत्र संचालक, कान्हा टाइगर रिजर्व, मंडला ने बताया कि बाघिन को बांधवगढ़ से सतकोसिया टाइगर रिजर्व ओडिशा भेजा गया था. वहां कुछ अवांछित घटनाओं के बाद बाघिन को सतकोसिया टाइगर रिजर्व में दो वर्ष तक बाड़े में रखा गया था.