
मध्य प्रदेश के भोपाल में करणी सेना ने रविवार को आर्थिक स्थिति के आधार पर आरक्षण सहित 21 मांगों को स्वीकार करने, बिना जांच के गिरफ्तारी नहीं करने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू किया. यह आंदोलन अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के मामलों में और मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने को लेकर किया गया. बता दें कि करणी सेना दावा करती है कि वो राजपूत समुदाय का प्रतिनिधित्व करती है.
राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के भोपाल अध्यक्ष कृष्ण बुंदेला ने कहा कि उनके संगठन ने राजपूत समुदाय के अन्य लोगों के साथ विरोध प्रदर्शन किया है. उन्होंने कहा कि शिवसेना के एमपी प्रमुख जीवन सिंह शेरपुर सहित पांच कार्यकर्ताओं ने अपनी 21 मांगों के लिए अनिश्चितकालीन, शांतिपूर्ण उपवास शुरू किया है.
क्या हैं मांगें?
उन्होंने आगे कहा कि कार्यकर्ता मांग कर रहे हैं कि आरक्षण आर्थिक आधार पर होना चाहिए ताकि सभी समुदाय के गरीबों को लाभ मिल सके. आरक्षण एक परिवार (एक पीढ़ी) को केवल एक बार दिया जाना चाहिए. एससी/एसटी अधिनियम के तहत जांच के बिना गिरफ्तारी को रोका जाना चाहिए और सामान्य वर्ग के हितों की रक्षा के लिए भी कानून बनना चाहिए.
आंदोलन की प्रमुख मांगों में से एक यह है कि मुद्रास्फीति (Inflation) को नियंत्रित करने के लिए खाद्यान्न और आवश्यक वस्तुओं को वस्तु एवं सेवा कर से छूट दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि उनकी मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा. प्रशासन से बातचीत के बाद मध्य प्रदेश विधानसभा का घेराव करने की योजना में बदलाव किया गया.
भोपाल पहुंचे कई राज्यों के लोग
आंदोलन में शामिल संगठनों ने कहा कि राज्य के विभिन्न हिस्सों के साथ-साथ राजस्थान, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र से कई लाख लोग यहां पहुंचे हैं. भोपाल में यह आंदोलन जंबूरी मैदान में हो रहा है. बता दें कि करणी सेना के लोग शनिवार से ही भोपाल पहुंचना शुरू हो गए थे. हालांकि इस सभा के शुरू होने से पहले ही करणी सेना परिवार में विवाद की स्थिति बन गई और राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना ने जंबूरी मैदान में होने वाली सभा से खुद को अलग कर लिया था. करणी सेना परिवार का प्रदर्शन मुख्य रूप से जातिगत आरक्षण खत्म कर आर्थिक आधार पर आरक्षण लागू करने, एट्रोसिटी एक्ट में बदलाव को लेकर है.