Advertisement

कश्मीर टू कन्याकुमारी, पोरबंदर से सिलचर..., 17 राज्यों से होकर 47 दिन तक 7300KM तक युवक ने चलाई साइकिल

मध्यप्रदेश के आदिवासी जिले शहडोल में रहने वाले कुलदीप ने साइकिल से 7,300 किलोमीटर की यात्रा पूरी की. पहले कुलदीप ने कश्मीर से कन्याकुमारी तक की यात्रा की. उसके बाद उन्होंने पोरबंदर से सिलचर तक का सफर साइकिल से पूरा किया. 10 सितंबर को यात्रा पूरी कर वह शहडोल पहुंचे तो उनका जोरों-शोरों से स्वागत किया गया.

शहडोल के रहने वाले हैं कुलदीप. शहडोल के रहने वाले हैं कुलदीप.
रावेंद्र शुक्ला
  • शहडोल,
  • 11 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 1:14 PM IST

कहते हैं कि पंखों से नहीं, हौसलों से उड़ान होती है. इस कहावत को सच कर दिखाया है मध्यप्रदेश के आदिवासी जिले शहडोल में रहने वाले कुलदीप ने. कुलदीप ने साइकिल से 7,300 किलोमीटर की यात्रा पूरी की. पहले उन्होंने कश्मीर से कन्याकुमारी तक की यात्रा की. उसके बाद उन्होंने पोरबंदर से सिलचर तक का सफर साइकिल से पूरा किया.

कुलदीप शहडोल के एक छोटे से गांव कल्लेह के रहने वाले हैं. बता दें, उत्तर-दक्षिण गलियारा NH-44 है जिसकी कुल लंबाई है 4000 किलोमीटर है और पूर्व-पश्चिम गलियारा NH-27 जिसकी कुल लंबाई 3300 किलोमीटर है. दोनों राष्ट्रीय राजमार्ग 17 राज्यों से होकर गुजरते हैं और उत्तरप्रदेश का झांसी दोनों राष्ट्रीय राजमार्गों का जंक्शन है.

Advertisement

साइकिलिस्ट कुलदीप के साइकल एक्सपेंडिशन का उद्देश्य भारत के लिए एक रिकार्ड बनाना था. वो चाहते हैं कि एडवेंचर और स्पोर्ट्स को लोग अपनी जिंदगी का अहम हिस्सा बनाएं और मानसिक और शारीरिक रूप से खुद को मजबूत रखें. वे आत्महत्या जैसा कदम न उठाएं. प्रकृति से खुद को जोड़कर रखें. प्रकृति से हमें सकारात्मक बने रहने की प्रेरणा मिलती है.

23 जुलाई से शुरू की यात्रा

शहडोल निवासी कुलदीप ने 23 जुलाई को नॉर्थ साउथ कॉरिडोर के लिए जम्मू कश्मीर के श्रीनगर से साइकल यात्रा की शुरुआत की और 15 अगस्त तक 3712km की यात्रा पूर्ण कर कन्याकुमारी तमिलनाडु पहुंचे. फिर नॉर्थ साउथ कॉरिडोर का ब्रांच रोड जिसकी कुल लंबाई 365km है जो केरल के कोच्चि से तमिलनाडु के सेलम तक है, 2 दिन में पूरा किया. उसके बाद वेस्ट ईस्ट कॉरिडोर कि साइकल यात्रा के लिए ट्रेन से गुजरात के पोरबंदर पहुंचे.

Advertisement

10 सितंबर को घर लौटे कुलदीप

20 अगस्त को वहां से साइकल यात्रा शुरू की और सिलचर पहुंचे. कुलदीप की ये यात्रा 7 सितंबर को पूरी हुई. यात्रा पूरी कर कुलदीप आज 10 सितम्बर को अपने गृह ग्राम कल्लेह पहुंचे जहां उनका जोरदार स्वागत किया गया. कुलदीप की इस यात्रा में कई रोचक किस्से रहे. दक्षिण भारत के लोगों ने हर पड़ाव पर स्वयं से आगे आकर कुलदीप की हर तरह से मदद की.

जम्मू कश्मीर में यात्रा के पहले ही दिन कुलदीप की साइकल चोरी हो गई थी. सुबह कुलदीप ने जम्मू कश्मीर पुलिस को इस बात की सूचना दी और पुलिस की तत्परता से 3 घंटे में ही चोर को साइकल सहित पकड़ लिया.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement