
कटनी में दुर्दांत अपराधी किस्सू उर्फ किशोर तिवारी को कटनी जिला न्यायालय ने हत्या के एक बहुचर्चित मामले में दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है. 38 साल पुराना बहुचर्चित डेऊ हत्याकांड का मामला न्यायालय में विचाराधीन था. केस में किस्सू तिवारी फरार घोषित था.उसे हाल ही में पुलिस ने अयोध्या से गिरफ्तार किया था.
किस्सू को जिस मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. वह 38 साल पुराना मामला है. जानकारी के अनुसार 31 दिसंबर 1986 की सर्द रात को कटनी के एक बदमाश राजेंद्र उर्फ डेऊ का उसी के घर से अपहरण करके मारपीट के बाद ले जाकर चूने के एक जलते हुए भट्टे में फेंककर जिंदा जला दिया गया था.
इस जघन्य वारदात को मुख्य आरोपी किस्सू तिवारी ने अंजाम दिया था. न्यायालय में विचाराधीन इस मामले में किस्सू तिवारी लंबे समय से फरार घोषित चल रहा था. इसके चलते न्यायालय में सुनवाई के बाद भी फैसला नहीं हो सका था. कटनी जिला कोर्ट के पंचम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमती स्म्रता सिंह ठाकुर ने आज हत्या के मामले में किस्सू तिवारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
अयोध्या से कटनी पुलिस ने किया गिरफ्तार
हत्या और हत्या के प्रयास के विभिन्न मामलों में न्यायालय से फरार घोषित मोस्ट वांटेड अपराधी किस्सू उर्फ किशोर तिवारी लंबे समय से फरार चल रहा था. उस पर पुलिस ने 55 हजार का इनाम घोषित किया था. फरार किस्सू तिवारी की गिरफ्तारी न होने से जबलपुर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए पुलिस को अल्टीमेटम दिया था. इसके बाद रामलला के दर्शन करने अयोध्या पहुंचे इनामी बदमाश किस्सू तिवारी को पिछले महीने कटनी पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
21 साल तक फरार रहा किस्सू
इसके पहले 21 साल तक किस्सू फरार रहा है. 2015 में भी कोर्ट की फटकार के बाद सक्रिय हुई पुलिस ने उसे जयपुर से गिरफ्तार किया गया था. जमानत मिलने के बाद कटनी में ही रहकर प्रॉपर्टी का काम करने लगा. उसे राजनीतिक संरक्षण भी हासिल था. दबंगई के चलते कोई उसके खिलाफ मुंह खोलने की हिम्मत नहीं कर पाता था. पांच छह सालों में उसने प्रॉपर्टी के कारोबार से करोड़ों की संपत्ति बनाई.
2021 में सुनवाई से पहले हो गया था फरार
नवंबर 2021 में जब उसे कटनी कोतवाली में दर्ज राजेंद्र उर्फ डेऊ की हत्या मामले में एडीजे अनिल कुमार की अदालत में सजा सुनाई जाने वाली थी तो वह पेशी में उपस्थित नहीं हुआ और वह फरार हो गया. तत्कालीन न्यायाधीश अनिल कुमार ने किस्सू को हत्या का दोषी पाया और सजा का फैसला टाल कर उसे लिफाफे में बंद कर दिया.
किस्सू तिवारी पर 22 मामले दर्ज
किस्सू की गिरफ्तारी के बाद सोमवार को पंचम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमती स्म्रता सिंह ठाकुर की अदालत में बंद लिफाफा खोला गया और सजा की बिंदू पर अभियोजन व बचाव पक्ष की जिरह सुनकर आज किस्सू को उम्र कैद की सजा सुनाई गई. हत्या अपहरण और मारपीट के किस्सू पर 22 मामले दर्ज हैं. जुर्म की दुनिया में दुर्दांत अपराधी होने के बावजूद किस्सू की छबि राबिनहुड की बनी रही.