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Kuno National Park: 6 दिन में दूसरा शिकार...चीतों को रास आया कूनो का जंगल, मार गिराया चीतल

Kuno National Park के बड़े बाड़े में छोड़े गए दो चीतों ने एक और चीतल का शिकार कर लिया है. इस तरह 6 दिनों में चीतों ने दूसरा शिकार किया है. दोनों को कूनो का जंगल रास आ गया है. उधर, दोनों चीतों के व्यवहार से कूनो प्रबंधन सहित भोपाल और दिल्ली तक के विशेषज्ञ व अफसर उत्साहित हैं.

कूनो में चीतों ने चीतल का शिकार किया(सांकेतिक तस्वीर) कूनो में चीतों ने चीतल का शिकार किया(सांकेतिक तस्वीर)
खेमराज दुबे
  • श्योपुर,
  • 11 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 1:47 PM IST

कूनो नेशनल पार्क के बड़े बाड़े में छोड़े गए दो नामीबियाई चीता भाइयों ने गुरुवार को एक और चीतल का शिकार कर लिया है. बीते 6 दिनों में चीतों ने दूसरा शिकार किया है. इन दोनों चीतों के व्यवहार ने उन 6 चीतों के लिए भी बड़े बाड़े में आने की राह आसान कर दी है जो अभी छोटे बाड़ों में क्वारंटीन हैं. उन्हें छोड़ने के लिए चीता टास्क फोर्स मंथन कर रही है. इन दोनों चीतों की प्रगति रिपोर्ट के आधार पर ही 6 चीतों को बड़े बाड़े में छोड़ने के संबंध में निर्णय होगा.

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पांच नवंबर को बड़े बाड़े में छोड़े जाने के बाद दोनों चीतों ने 7 नवंबर की सुबह पहला शिकार किया था. अब 10 नवंबर की रात को एक और चीतल को शिकार बनाया. इसकी जानकारी विशेषज्ञों की टीम को मॉनिटरिंग के लिए बाड़े में जाने पर मिली.

कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ प्रकाश कुमार वर्मा ने आजतक से फोन पर बताया कि प्रोजेक्ट के नजरिए से यह सुखद खबर है. पहले शिकार के बाद चीतों ने दूसरा शिकार भी सही समय पर किया है. चीतों को तीसरे दिन खाने में ट्रीट दी जा रही थी. इसलिए इन्हें तीसरे दिन ही भूख लग रही थी. गुरुवार को इनके शिकार का तीसरा दिन हो रहा था और इसी दौरान चीतों ने शिकार कर लिया. इससे शिकार में परिपक्व होने और जरूरत पड़ने पर शिकार करने में सक्षम रहने की बात साफ हो गई है.

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गौरतलब है कि बड़े बाड़े में छोड़े गए दोनों चीते न केवल शिकार कर चुके हैं बल्कि स्वच्छंद विचरण कर रहे हैं. इनकी निगरानी करने के लिए विशेषज्ञों की चार सदस्यीय टीम सुबह-शाम बाड़े में पहुंचती है. खास बात यह है कि टीम में एक सदस्य हाथ में रेडियो कॉलर का एंटीना लेकर जा रहा है, ताकि बाड़े में चीतों की लोकेशन ट्रेस की जा सके. 

दोनों को रास आ गया कूनो का जंगल

तीन दिन की मॉनिटरिंग और अध्ययन में पाया गया है कि बड़े बाड़े में दोनों चीतों का व्यवहार बेहतर है. उन्हें कूनो का जंगल रास आ गया है. दोनों चीतों के बेहतर व्यवहार से कूनो प्रबंधन सहित भोपाल और दिल्ली तक के विशेषज्ञ व अफसर उत्साहित हैं.

98 हेक्टेयर के बड़े बाड़े में दोनों का राज
कूनो पार्क की आबोहवा में ढलने के लिए चीतों को कुछ महीनों तक बाड़े में ही रखा जाना है. यही वजह है कि कूनो में 500 हेक्टेयर (5 वर्ग किलोमीटर) का एक पूरा बाड़ा बनाया गया है. इसी बाड़े में फिर छोटे-छोटे कुछ क्वारंटीन बाड़े बनाए गए हैं. अलग-अलग आकार के 8 बड़े बाड़े भी बनाए गए हैं. इनका आकार 40 हेक्टेयर से 110 हेक्टेयर तक का है. इन्हीं में शामिल 98 हेक्टेयर के एक बड़े बाड़े में इन दोनों चीतों को छोड़ा गया है. अन्य बाड़ों में शेष चीते छोड़े जाएंगे.

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6 चीतों को करना होगा इंतजार 
अभी 6 चीते(1 नर और 5 मादा) को लेकर कोई निर्णय नहीं हो सका है. इनको बड़े बाड़े में जाने के लिए कुछ दिन का और इंतजार करना पड़ेगा. विशेषज्ञ पहले छोड़े गए दोनों चीतों के व्यवहार का अध्ययन कर रहे हैं. वहीं क्वारंटीन बाड़ों के चीतों की स्थिति का भी आंकलन किया जा रहा है.

एक सप्ताह से नहीं दिखा तेंदुआ
बड़े बाड़े के किसी एक कंपार्ट में घुसा एक तेंदुआ बाहर निकल गया है या भीतर ही है, ये अभी तक साफ नहीं हो पाया है. हालांकि, पिछले 7 दिन से ये तेंदुआ ट्रेस नहीं हुआ है. बाड़े के बाहर लगे कैमरों में भी ये कैप्चर नहीं हुआ है. इसके चलते इसके बाहर निकलने पर संशय बना हुआ है. तेंदुए को ट्रेस करने और उसके बाहर निकालने के लिए 4 सदस्यीय टीम इसी काम में लगी हुई है.

 

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