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कूनो से आई गुड न्यूज... बढ़ा चीतों का कुनबा, नामीबिया से आई मादा चीता सियाया बनी मां, 4 बच्चों को दिया जन्म

मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में चीतों का कुनबा बढ़ गया है. बताया जा रहा है कि नामीबिया से लाई गई मादा चीता ने एकसाथ चार बच्चों (Cub) को जन्म दिया है. इस संबंध में पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने ट्वीट कर जानकारी साझा की है. उन्होंने कहा कि हमारे वन्यजीव संरक्षण के इतिहास में यह घटना महत्वपूर्ण है.

मादा चीता बनी मां. (Photo: Twitter) मादा चीता बनी मां. (Photo: Twitter)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 29 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 3:53 PM IST

मध्य प्रदेश के श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क (Good News From Kuno National Park) से गुड न्यूज आई है. यहां नामीबिया से आई मादा चीता मां बनी है. बताया जा रहा है कि मादा चीता ने एक साथ चार बच्चों को जन्म दिया है. इस संबंध में पर्यावरण मंत्री ने ट्वीट कर जानकारी शेयर की है. उन्होंने ट्वीट के साथ एक तस्वीर भी साझा की है.

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पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने ट्वीट कर कहा है कि अमृत काल के दौरान हमारे वन्यजीव संरक्षण के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना! उन्होंने आगे लिखा, मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में 17 सितंबर 2022 को भारत लाए गए चीतों में से एक के चार बच्चों (Cub) का जन्म हुआ है.

PM मोदी ने ट्वीट कर जताई खुशी

यहां देखें वीडियो

1952 में देश से विलुप्त घोषित कर दिया गया था चीता

दूसरे महाद्वीप से चीतों को लाना भारत सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम का हिस्सा था. ये जानवर विलुप्त हो चुके थे. इसके 7 दशक बाद देश में फिर से इन्हें लाया गया है. देश के आखिरी चीते की मृत्यु वर्तमान में छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में 1947 में हुई थी. इसके बाद इस प्रजाति को 1952 में विलुप्त घोषित कर दिया गया था.

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यह भी पढ़ेंः कूनो नेशनल पार्क में मादा चीते की मौत, नामीबिया से लाई गई थी 5 साल की साशा

22 जनवरी को किडनी की बीमारी से मादा चीता साशा की हो गई थी मौत

बता दें कि कूनो नेशनल पार्क में आठ अफ्रीकन चीते लाए गए थे. इनमें तीन नर और पांच मादा शामिल थे. इनमें एक मादा चीता की मौत हो गई. पांच साल की मादा चीता साशा किडनी संक्रमण से पीड़ित थी. 22 जनवरी को किडनी की बीमारी से पीड़ित होने की सूचना मिली थी. बताया जा रहा है कि भारत की धरती पर आने से पहले ही किडनी की बीमारी से जूझ रही थी. नामीबिया में उसका ऑपरेशन भी हुआ था, लेकिन यह बात छिपाई गई थी.

सवाना और सियाया के साथ बाड़े में रह रही थी साशा

कूनो नेशनल पार्क के बड़े बाड़े में बने कंपार्टमेंट नंबर 5 में दो मादा चीता सवाना और सियाया के साथ मादा चीता साशा रह रही थी. 22-23 जनवरी को बीमार होने के लक्षण पता चले थे. इसके बाद उसे बड़े बाड़े से छोटे बाड़े में शिफ्ट किया गया. साशा खाना नहीं खा रही थी और सुस्त रह रही थी.

यह भी पढ़ेंः आखिर आ ही गया वो दिन, जब भारत के जंगल में 70 साल बाद घूमता दिखा चीता, Kuno से आई पहली तस्वीर

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इसके बाद कूनो नेशनल पार्क में मौजूद तीन डॉक्टर और भोपाल से पहुंची डॉक्टरों की टीम ने जांच की तो मादा चीता की किडनी में इंफेक्शन मिला था. 22 जनवरी को साशा बीमार का चीतों के सबसे बड़े विशेषज्ञ डॉ. एड्रियन टोरडीफ (Adrian Tordiffe) के परामर्श से इलाज किया गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका.

भारत आने से पहले से ही था किडनी का इन्फेक्शन

साशा की जब जांच की गई तो पता चला कि उसे किडनी की बीमारी है. भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून के वरिष्ठ वैज्ञानिकों और कूनो नेशनल पार्क प्रबंधन ने नामीबिया के चीता कंजर्वेशन फाउंडेशन से साशा की ट्रीटमेंट हिस्ट्री मंगाई. 

भारत के डॉक्टरों ने जब उसे पढ़ा तो पता चला कि 15 अगस्त 2022 को नामीबिया में किए गए अंतिम ब्लड सैंपल की जांच में भी क्रियेटिनिन का स्तर 400 से ज्यादा पाया गया था, जिससे पुष्टि हुई कि साशा को किडनी की बीमारी भारत में आने के पहले ही थी.

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दक्षिण अफ्रीका से भी आए 12 चीते

कूनो नेशनल पार्क में दक्षिण अफ्रीका से 18 फरवरी को 12 चीते लाए गए थे. इनमें 7 नर और 5 मादा चीते भी क्वारन्टीन बाड़ों में अवधि पूरी कर चुके हैं. इन नए मेहमानों को अब छोटे बाड़ों से बड़े बाड़ों में रिलीज करने पर विचार किया जा रहा है.

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